SC का सख्त आदेश-SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे
चुनाव आयोग 15 मार्च तक वेबसाइट पर डाले, SBI ने मांगा था 30 जून तक का समय
नयी दिल्ली , 11 मार्च। इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। SBI ने कोर्ट से कहा- बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा- पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया?
करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा- SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे।
कोर्ट ने यह भी कहा- SBI अपने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का एफिडेविट फाइल करे कि दिए गए आदेशों का पालन करेंगे। हम अभी कोई कंटेम्प्ट नहीं लगा रहे हैं, लेकिन SBI को नोटिस देते हैं कि अगर आज के आदेश का वक्त रहते पालन नहीं किया तो हम उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था।
4 मार्च को SBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था। इसके अलावा कोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें 6 मार्च तक जानकारी नहीं देने पर SBI के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की मांग की गई थी।
In the latest development in the electoral bonds case, the Supreme Court on Monday (March 11) dismissed an application for extension of time filed by the State Bank of India (SBI) for complying with the court’s earlier directions to furnish electoral bonds details.
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आदेश का पालन नहीं तो चलेगा मानहानि का केस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर SBI ने इस आदेश का पालन नहीं किया तो उसपर जानबूझकर अदालत के आदेश की अवहेलना का केस क्यों न चले? कोर्ट ने कहा कि अभी एसबीआई पर कंटेप्ट नहीं किया है लेकिन आगाह किया है कि अगर उक्त आदेश का पालन नहीं हुए तो क्यों न कटेंप्ट चले?
चुनाव आयोग को तुरंत जानकारी दें
चीफ जस्टिस ने कहा कि कृपया आप मुझे बताएं कि आप 26 दिनों से क्या कर रहे थे? इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप खुद स्वीकार कर रहे हैं कि डिटेल देने में आपको कोई दिक्कत नहीं है। तो इन 26 दिनों में तो काफी काम हो सकता था। कोर्ट ने SBI से कहा कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी तुरंत चुनाव आयोग को दें। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने SBI को आदेश दिया कि 6 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराए। इसमें राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी बॉन्ड को भुनाने की जानकारी भी शामिल हो।
SC के तीखे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई से पूछा कि अभी तक आपने क्या किया है? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ की सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कहा कि डेटा को डिकोड करने में वक्त लगेगा। एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने इसके लिए और वक्त की मांग की।
CJI बोले, हम आदेश देना शुरू करेंगे
जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि राजनीतिक दलों ने बॉन्ड के कैश कराने के लेकर जानकारी दे दी है। आपके पास पहले से डिटेल मौजूद है। इसपर साल्वे ने कहा कि हमें डेटा जुटाने के लिए थोड़ा वक्त दे दीजिए। इसके तुरंत बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस मामले में अब आदेश देंगे।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा बताए गए कारणों को ‘बचकाना’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि अपनी गरिमा की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है और जब संविधान पीठ फैसला सुना चुकी है तो एसबीआई की याचिका को स्वीकार करना ‘आसान नहीं होगा’। चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं के लिए दलीलें सिब्बल के नेतृत्व में पेश की गईं हैं।
सिब्बल ने कहा कि एसबीआई का दावा है कि डेटा को सार्वजनिक करने में कई सप्ताह लगेंगे, जिससे ऐसा लगता है कि ‘कोई किसी को बचाना चाहता है।’
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि एसबीआई का इरादा सरकार का बचाव करना है, अन्यथा बैंक ने चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि 30 जून तक बढ़ाए जाने का ऐसे समय में अनुरोध नहीं किया होता जब अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।