बीकानेर में आगामी दो माह के लिए धारा 144 के आदेश
जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश-सीमावर्ती क्षेत्र में रात्रि 7 बजे से प्रातः 6 बजे तक बिना वैध अनुमति के गमनागमन, विचरण व अन्य गतिविधियां पूर्ण रूप से प्रतिबंध
बीकानेर, 24 अप्रैल। जिले में सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध प्रवेश व अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के आदेश आगामी दो माह तक बढ़ाए हैं।
आदेशानुसार जिले से लगने वाली अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर तस्करों, घुसपैठियों व अन्य असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश व अन्य अवांछनीय गतिविधियों की आशंका तथा जिले की अन्तरराष्ट्रीय सीमा के निकट विभिन्न स्थानों में स्थित पीसीओ के माध्यम से आपराधिक व अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति इन केन्द्रों पर जाकर दूरसंचार के माध्यम से महत्वपूर्ण सूचनाएं उन लोगों को भेजे जाने की भी आशंका है, जो भूमिगत होकर देश व राज्य की सुरक्षा व लोक व्यवस्था के संधारण में प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली गतिविधियों में लिप्त हैं।
इसके साथ ही सीमा के नजदीक पाकिस्तानी इलाके में लगे मोबाइल टावरों का नेटवर्क भारतीय सीमा के अन्दर 3-4 किलोमीटर तक आने के कारण भी राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे को देखते हुए पाकिस्तानी लोकल सिम का उपयोग करने या पीसीओ से सम्पर्क या सूचना देने आदि तथा रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई गई है।
जिला मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि के आदेशानुसार जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा से लगते दो किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में प्रवेश व विचरण करने वाले निवासियों को निर्देशित किया गया है कि इस क्षेत्र के समस्त क्षेत्र जिसमें तहसील खाजूवाला एवं बज्जू के ग्राम बल्लर, गुलामअलीवाला, सियासर चौगान, बेरियांवाली, करमवाला, गज्जेवाला, रणजीतपुरा, सांचू, अन्नेवाला, कबरेवाला, भूरासर व मगनवाला में रात्रि 7 बजे से प्रातः 6 बजे तक बिना वैध अनुमति के गमनागमन, विचरण व अन्य गतिविधियां पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी।
इस क्षेत्र में आवश्यक कार्यों हेतु वैध अनुमति समीपस्थ बीएसएफ व बीओपी से प्राप्त की जा सकेगी। इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता व प्रक्रिया के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
आदेशानुसार जिले के बज्जू, पूगल, रणजीतपुरा, खाजूवाला व छतरगढ़ क्षेत्र में कोड संख्या 0092 (पाकिस्तान का टेलीफोन कोड नम्बर) किए जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कॉलों का रिकॉर्ड भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा संधारण किया जाएगा। कोड संख्या 0092 पर आने व जाने वाली कॉल की जांच के लिए भारत सरकार संचार निगम लिमिटेड से सूचना प्राप्त करने के लिए विभिन्न अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में समस्त मोबाईल कंपनियों द्वारा स्थापित कार्यालयों, अधिकृत दुकानों, काउण्टरों पर नई सिम विक्रय करने से पूर्व उपयोगकर्ता से उसकी पूर्ण पहचान के प्रमाण जैसे उपभोक्ता आवेदन पत्र, फोटो, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता कार्ड, बिजली पानी के बिल की प्रति आदि की हस्ताक्षर युक्त कॉपी आवश्यक रूप से लेकर मूल पत्रों से मिलान किया जाए।
आदेशानुसार उपभोक्ता के सत्यापन के पश्चात ही सिम एक्टिवेट की जाए तथा सिम प्रदाता इस सम्बंध में एक रजिस्टर संधारित करें जिसमें जारी की गई सिम व उपयोगकर्ता के सम्बंध में समस्त जानकारी दर्ज की जाए। सिम प्रदाता कंपनी को संदिग्ध आवेदक या उसके द्वारा पहचान पत्रों के जाली होने की स्थिति में क्षेत्र के थानाधिकारी को अनिवार्य रूप से सूचित करना होगा।
आदेशानुसार जिले के किसी भी क्षेत्र से जहां पाकिस्तान लोकल सिम से पाकिस्तानी नेटवर्क के जरिए सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है, में किसी भी व्यक्ति या संस्था को पाकिस्तान लोकल सिम के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिले की पाकिस्तान से सटी सीमा के समीप की कृषि भूमि का आवंटन विभिन्न व्यक्तियों को किया गया है जिनके द्वारा वर्ष भर कृषि कार्य कर अतिरिक्त जिप्सम खनन व लघु व्यवसाय का सुचारू रूप से चलाने के लिए ठेके पर देश के विभिन्न प्रदेशों के कामगारों से कार्य करवाए जा रहे हैं। इन स्थानों पर काम करने वाले कामगारों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल को अवगत करवाना आवश्यक है।
ऐसे सभी व्यक्ति अपने मूल निवास प्रमाण पत्र की प्रति, पुलिस से करवाए गए चरित्र सत्यापन, पहचान पत्र आदि की प्रति समीपस्थ बीएसएफ, बीओपी व सम्बंधित पुलिस थानों में अनिवार्यतः जमा करवाएं तथा कार्य के दौरान ऐसे व्यक्तियों को अपने पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा। आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति व्हाट्सऐप ग्रुप में किसी अनजान व्यक्ति को शामिल नहीं करें। यदि सामारिक महत्व की कोई सूचना आदान प्रदान की जानकारी आदि है तो ग्रुप एडमिन को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा। आदेश की अवहेलना करने पर सम्बंधित व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत एक माह का साधारण कारावास व 200 रुपए का जुर्माना किया जाएगा।
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