स्वयं की शक्ति को पहचाने’’ विषय पर प्रवचन श्रृंखला शुरू
अपने आत्म व परमात्म स्वरूप को पहचाने-साध्वी रत्ननिधि श्रीजी
बीकानेर, 7 जून। विचक्षण ज्योति साध्वीश्री चन्द्र प्रभा की शिष्या साध्वीश्री चंदन बाला सान्निध्य में रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शुक्रवार को सुबह साध्वीश्री चंदनबाला के सान्निध्य में ’’स्वयं की शक्ति को पहचाने’’ विषय पर विशेष प्रवचन श्रृंखला साध्वीश्री रत्न निधि ने शुरू की। प्रवचन सुबह सवा नौ बजे से सवा दस बजे तक नियमित होंगे।
साध्वीश्री रत्न निधि ने प्रवचन माला में कहा कि मानव अनंत शक्तियों का भंडार है इन शक्तियों का उपयोग सद् चिंतन, सद् मनन व सद् कार्यों में लगावें। अपने में व्याप्त आत्म व परमात्म शक्ति को पहचाने तथा इसके असली स्वरूप को पहचाने का प्रयास व पुरुषार्थ करें। उन्होंने कहा कि कार्य-व्यवहार में सहनशीलता रखे तथा सुबह से शाम तक विभिन्न कार्यों में उपकार करने वालों का उपकार नहीं भूले । उपकार करने वालों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करें।
उन्होंने कहा कि अपने में आत्मा पर व्याप्त तमस को समाप्त करें तथा अंतर ज्योति को प्रकट करें। आत्मा की ज्योति के स्वरूप को प्रकट करने से ही सच्ची साधना, आराधना व भक्ति होती है।