तेरापंथ सभा राजराजेश्वरीनगर की सप्तम साधारण सभा सम्पन्न


- राकेश छाजेड़ की अध्यक्षता में हुए कई निर्णय
राजराजेश्वरी नगर, बेंगलुरु, 22 जून । श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, राजराजेश्वरीनगर, बेंगलुरु की सप्तम वार्षिक साधारण सभा आज रविवार को प्रातः 11 बजे तेरापंथ भवन में अध्यक्ष राकेश छाजेड़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई। सभा की शुरुआत नवकार महामंत्र के सामूहिक स्मरण और संघ गीत की प्रस्तुति के साथ हुई, जिसे संगायक मनीष पगारिया ने प्रस्तुत किया।




पूर्व अध्यक्ष कमल दूगड़ द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया गया। सभा के मंत्री गुलाब बांठिया ने गत वर्ष की बैठक की कार्यवाही का वाचन किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। अध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता प्रकट की तथा आगामी चातुर्मास की विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा और दर्शन हेतु पूर्ण जागरूकता का आह्वान किया।


सभा में ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज डागा ने चातुर्मास काल में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। पूर्व अध्यक्ष कमल सिंह दूगड़, तेयुप अध्यक्ष विकास छाजेड़, महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती सुमन पटावरी, विकास दूगड़ सहित अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री श्री गुलाब बांठिया ने वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसे सभा ने पारित किया। कोषाध्यक्ष देवेंद्र नाहटा ने आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया, जिसे “ॐ अर्हं” की ध्वनि के साथ अनुमोदित किया गया। अध्यक्ष महोदय ने चौमासे में भवन में चौका सेवा आरंभ करने और गुरु-दर्शन के लिए अहमदाबाद संघ ले जाने की घोषणा की।
सभा में ज्ञानशाला की संयोजिका श्रीमती प्रिया छाजेड़ (राजराजेश्वरी नगर) और श्रीमती पूनम दक (केंगेरी) ने ज्ञानशाला की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। जैन विद्या की रिपोर्ट श्रीमती सीमा जैन एवं आगम मंथन प्रतियोगिता की रिपोर्ट विकास दूगड़ ने साझा की। 15 वर्षों तक ज्ञानशाला सेवा देने के लिए श्रीमती प्रिया छाजेड़ को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उनके स्थान पर श्रीमती नीतू बाफना को नई संयोजिका नियुक्त किया गया।
महिला मंडल की नवमनोनीत अध्यक्षा श्रीमती मंजू बोथरा तथा सभा की उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज आर बैद को जैन स्कॉलर बनने पर सभा द्वारा सम्मानित किया गया। सभा का संचालन मंत्री गुलाब बांठिया ने किया एवं सहमंत्री राजेश भंसाली ने सभी का आभार व्यक्त किया। सभा का समापन गरिमामयी वातावरण में हुआ।