एमजीएसयू इतिहास विभाग द्वारा सप्तम महाराजा गंगा सिंह स्मृति व्याख्यान आयोजित

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

आधुनिक काल के भामाशाहों की अग्रिम पंक्ति में भी अग्रिम रहे महाराजा गंगा सिंह जी : प्रो॰ प्रवेश भारद्वाज

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

राजा होने की पीड़ा एक राजा ही जान सकता है : कुलपति आचार्य दीक्षित

pop ronak

बीकानेर , 28 फ़रवरी। एमजीएसयू इतिहास विभाग के तत्वावधान में प्रतिष्ठित महाराजा गंगा सिंह स्मृति व्याख्यान की शृंखला में बुधवार को सप्तम स्मृति व्याख्यान आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता की भूमिका में बोलते हुये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के वरिष्ठ आचार्य प्रो॰ प्रवेश भारद्वाज ने कहा कि जब बुद्ध पहली बार काशी आये तो उन्होंने यही उपदेश दिया कि कुछ देने से ही जीवन सार्थक होता है।

भारद्वाज ने बताया कि काशी के विश्वनाथ मंदिरों के कई शिवलिंगों की स्थापना बीकानेर नरेशों द्वारा दी गई दानराशि से हुई थी। उसमें भी यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आधुनिक काल के भामाशाहों व दानदाताओं की अग्रिम पंक्ति का भी अग्रिम स्थान महाराजा गंगा सिंह जी के लिये सुरक्षित रखा जाना चाहिये।

स्मृति व्याख्यान की आयोजन सचिव इतिहास विभाग की डॉ॰ मेघना शर्मा ने आधुनिक बीकानेर के निर्माता मरुस्थल के भागीरथ महाराजा गंगा सिंह जी का संक्षिप्त परिचय मंच से पढ़ा और स्मृति व्याख्यान में अब तक आये विद्वानों का ब्यौरा सबके समक्ष रखते हुये कहा कि अबतक छः स्मृति व्याख्यान इतिहास विभाग आयोजित कर चुका है। इनमें देश के प्रमुख इतिहासकार व शिक्षाविदों को मुख्य व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया जा चुका है जिसमें कई विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति भी शामिल रहे हैं।

सप्तम स्मृति व्याख्यान की मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट बीकानेर की अध्यक्ष राजकुमारी राज्यश्री रहीं जिन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के साथ साथ चिकित्सा के क्षेत्र में गंगा सिंह जी योगदान अतुलनीय रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजपरिवार में मातृभाषा मारवाड़ी बोलने का नियम था। परिवार के सदस्यों के मध्य आपस की बातचीत में किसी दूसरी भाषा का प्रयोग वर्जित था।

इससे पूर्व अतिथियो द्वारा माँ सरस्वती व महाराजा गंगा सिंह जी के चित्र के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम की शुरूआत हुई। विभागाध्यक्ष प्रो॰ अनिल कुमार छंगाणी ने मंच से स्वागत भाषण पढ़ा साथ ही गंगा जी के बीकानेर के आधुनिकीकरण के क्षेत्र में किये गये प्रयासों को पर्यावरण की दृष्टि से स्मरण किया ।

समारोह अध्यक्ष कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि एक राजा होने की पीड़ा एक राजा ही जान सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में ही महाराजा गंगा सिंह शोध पीठ स्थापित की जा चुकी है जिसमें गंगा सिंह जी से संबंधित साहित्य, लघु चित्र, माइक्रो फिल्मों आदि सामग्री का रेकॉर्ड रख देशभर के विद्यार्थियों को गंगा सिंह जी पर शोध करने आने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।

अंत में बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह जी के स्वर्णिम युग को बारम्बार नमन करते हुये धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव अरुण प्रकाश शर्मा द्वारा दिया गया। आयोजन में महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित डॉ॰ गौतम मेघवंशी, डॉ॰ अभिषेक वशिष्ठ, डॉ॰ संतोष कंवर शेखावत, उमेश शर्मा, डॉ॰ बिट्ठल बिस्सा, वरिष्ठ निजी सचिव कमलकांत शर्मा सहित अतिथि शिक्षक और विश्वविद्यालय परिसर के अलावा बेसिक कॉलेज, नाल टीटी कॉलेज, बोथरा कॉलेज आदि से विद्यार्थी शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *