श्री 45 आगम तप व प्रदर्शनी शोभायात्रा के साथ शुरू
- पांच करोड़ नवकार जाप महाअनुष्ठान आज सोमवार से
बीकानेर, 28 जुलाई। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी आदि ठाणा 18, प्रवर्तिनी विचक्षणश्रीजी व चन्द्रप्रभाश्रीजी सुशिष्या विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी आदिठाणा 5 के सान्निध्य में रविवार को श्री 45 आगम तप व ताड़ पत्र पर उत्कीर्ण आगमों की प्रदर्शनी शोभायात्रा के बाद शुरू हुई। महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर आयोजित किया गया। सोमवार से 5 करोड़ नवकार जाप महा अनुष्ठान शुरू होगा।
गाजे बाजे से निकली शोभायात्रा भुजिया बाजार के श्री चिंतामणि मंदिर, भगवान आदिश्वर मंदिर होते हुए ढढ्ढा चौक के प्रदर्शनी स्थल पर पहुंची। जहां आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी व मुनिवृंद कि ओर से किए गए मंत्रोच्चारण के साथ मुख्य लाभार्थी सुश्रावक यशवंत कोठारी परिवार ने भगवान पार्श्वनाथ, गणधर गौत्तम स्वामी व दादा गुरुदेव की प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई। आगम आचारंग सूत्र का सविधि पूजन करवाया। अनेक श्रावक-श्राविकाओं तप के साथ मंत्रों का जाप किया।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के तत्वावधान में आगम प्रदर्शनी 11 सितम्बर को तप पूर्णाहूति के साथ संपन्न होगी। नवकार जाप महा अनुष्ठान 81 दिन यानि 17 अक्टूबर तक चलेगा। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि बीकानेर में पहली बार जैन आगमों की मंत्र अंकित यंत्रों सहित प्रदर्शनी में प्रदर्शित प्रमुख 45 आगमों को आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी वर्ष पर पवित्र तीर्थ स्थल पालीताणा में ताड़पत्रों पर जंगलो की औषधि युक्त विशेष स्याही से उड़ीसा के लिपिकारकों से लिपिबद्ध करवाया था। भगवान महावीर स्वामी के केवल्य ज्ञान के समय दिए उपदेशों को गणधर गौतम सहित गणधरो व आचार्यों ने लिपिबद्ध कर आगम रूप दिया।
श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य पांच करोड नवकार जाप महा अनुष्ठान का लाभ बीकानेर के सभी जैन श्रावक-श्राविकाओं को मिले इसके लिए सभी जैन संघों को आमंत्रण पत्र भिजवाए जा रहे है। शनिवार को संघ पूजा का लाभ अशोक कुमार बरड़िया की स्मृति में रौनक व यश बरड़िया ने लिया। शनिवार को आयम्बिल की लीला देवी तातेड़ ने व अट्ठम तप की बबीता नाहटा ने तपस्या की।
’महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में प्रवचन पांडाल में तथा रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में ’’महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर का आयोजन किया गया। सत्संग पांडाल में शिविर में मुनि सम्यक रत्न सागर ने परमात्मा से प्रेम व अनुराग करें। संसार व सांसारिक विषय वस्तुओं का प्रेम कर्म बंधन व निगोद (नरक) की ओर ले जाते है वहीं देव, गुरु व धर्म का निच्छल प्रेम, साधना, आराधना, उपासना व भक्ति हमें अजर, अमर व अविनाशी बनाता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म शूरवीरों का है कायरों का नहीं।
उन्होंने नीतिगत व्यापार, व्यवहार करने, प्रभु व गुरु के वचनों पर श्रद्धा व विश्वास रखने, मोबाइल का उपयोग कम करने की सलाह दी। सुगनजी महाराज के उपासरे में मुनिवृंद ने बच्चों की धर्म संबंधी जिज्ञासाओं को दूर करते हुए सुदेव, सुगुरु व सुधर्म के बताए मार्ग पर चलने की सीख दी।
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धर्ममय जीवन से आत्म कल्याण करें-मुनिश्री
बीकानेर, 28 जुलाई। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मुनिश्री पुष्पेन्द्र विजय .ने रविवार को रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में वंकचुल की कहानी के माध्यम से कहा कि सुदेव, सुगुरु व सुधर्म के बताए मार्ग पर चल कर अपने दोषों व पापों का क्षय कर धर्ममय जीवन से आत्म कल्याण कर सकता है।
मुनिश्री श्रुतानंद विजय ने आचार्य हरिभद्र सूरी के समरादित्य कथा सूत्र सहित 1444 ग्रंथों की रचना की । सभी ग्रंथ उपकारी, कल्याणकारी व उच्च कोटि का जीवन के धर्ममय जीवन जीने की प्रेरणा देता है।