सचेतन झांकियों के साथ श्रीमद्भागवत कथा का हो रहा आयोजन
बीकानेर , 22 दिसम्बर। जे.एन.वी. नगर सेक्टर-II में स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में चल रही साप्ताहिक संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम् दिवस व्यास पीठाधीश्वर कथावाचक पं. भाईश्री जी ने आज की कथा में विभिन्न प्रसंगों की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
शहीद भगत सिंह ग्रुप के महासचिव पवन कुमार राठी ने बताया कि आज की कथा में प्रमुख भागवताचार्य पं. भाईश्री जी ने कंश वध, श्रीकृष्ण-रूखमणी विवाह व श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र का वर्णन सुनाया। कथावाचक व्यासपीठ की ओर बताया कि धरती पर हो रहे अत्याचार से मुक्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण-रूखमणी की संचेतन झांकी निकाली गई और पंडित चेतन के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वरमाला व विवाह फेरों का कार्य सम्पन्न हुआ। इस प्रसंग के अन्तर्गत श्रीकृष्ण के रूप में प्रफुल्ल गुप्ता व रूखमणी के रूप में श्रीमती रितिका गुप्ता ने सराहनीय पात्र निभाया।
पं. भाईश्री जी ने श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि वर्तमान समय में भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जैसे दोस्तों की आवश्यकता है। यद्यपि ऐसी दोस्ती का मिलना असम्भव नहीं कठिन अवश्य है।
श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम से जुड़े सक्रिय सदस्य सुनील तंवर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र प्रसंग के अन्तर्गत जहां भगवान श्रीकृष्ण के रूप में यादवी बाना व रूखमणी के रूप में प्रियांशी डोगरा ने सराहनीय पात्र निभाया वही मित्र सुदामा के रूप में राजकुमार भाटिया तथा द्वारपाल के रूप में अभिषेक तंवर तथा सूर्यासिंह राठौड़ ने प्रशंसनीय भूमिका अदा की।
आयोजन से जुड़ी सक्रिय महिला सदस्य श्रीमती कोमल खत्री व श्रीमती नीतू तंवर ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन में जहां एक ओर सम्पूर्ण मौहल्लेवासियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है वही कार्यक्रम आयोजन की सभी प्रकार की व्यवस्थाओं में मिस खनक देवड़ा, अभिषेक तंवर, अमन चौहान, कनिका खत्री, रिद्धि चौहान, रिषिका जोशी, वंशिका जोशी, शौर्य सिंह राठौड़, दीया बाना, मोनिका गहलोत, दीपिका तंवर, विधशी खत्री, कुणाल खत्री, प्रज्ञा महात्मा, अद्विती चौहान, ममता जोशी, मि. आदित्य, श्रीमती संतोष खत्री, श्रीमती कृष्णाबाना आंटी आदि सक्रिय एवं प्रशंसनीय सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
कथा से जुड़े भगत सिंह ग्रुप के उपाध्यक्ष रवि देवड़ा ने बताया कि कथा के दौरान विभिन्न प्रसंगों के अनुसार जिस प्रकार श्रीकृष्ण-रूखमणी विवाह प्रसग में ‘‘हर आयो-हर आयो काशी रो वासी आयो’’ तथा श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र प्रसंग के अन्तर्गत ‘‘अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो, द्वार पे सुदामा आया है’’ की भजनों की प्रस्तुति जैसे ही प्रमुख गायक कलाकार उस्ताद कृष्णकांत पुरोहित ने दी सम्पूर्ण पंडाल भक्तिमयी बन गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम में संगीत में तबले पर युवा कलाकार मि. कान्हा पुरोहित व ऑथोपैड पर रमण जी पुरोहित द्वारा दिये गये सहयोग की उपस्थित भक्तों ने तारीफ की।