भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत और 32 घायलों का इलाज जारी,बस समेत 40 गाड़ियां खाक

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जयपुर, 21 दिसम्बर। जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 घायलों का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में जारी है। हादसे में घायल हुए कई लोगों की हालत बेहद गंभीर है, जिनमें से कुछ वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टर्स पूरी कोशिश कर रहे हैं कि गंभीर रूप से झुलसे लोगों की जान बचाई जा सके। हादसे को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी भी लोगों का मरने का सिलसिल जारी है। बताया जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। इस बीच, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया है।

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जानिए कैसे हुआ जयपुर हाइवे पर ब्लास्ट
कैसे हुआ हादसा? भांकरोटा के पास शुक्रवार सुबह एक एलपीजी टैंकर में ट्रक की टक्कर के बाद गैस लीक हो गई। लीक हुई गैस में आग लगने से यह हादसा हुआ। आग इतनी भयानक थी कि 300 मीटर के दायरे में बस, ट्रक, कार और बाइक सहित 37 वाहन जलकर खाक हो गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई, और कुछ लोग अपने वाहनों से बाहर निकलने में असमर्थ रहे। प्रशासन का कहना है कि कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।

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टैंकर के 5 नोजल टूट गए और 18 टन गैस लीक हुई

शुक्रवार को जयपुर के अजमेर रोड पर हुए एक्सीडेंट में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे। वहीं, 8 लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। एक मौत जयपुरिया हॉस्पिटल में हुई है। दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास हुए एक्सीडेंट में झुलसे 27 लोग अब भी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। इनमें 7 वेंटिलेटर पर हैं। इस हादसे में 25 लोग 75 फीसदी तक झुलसे हैं। सवाई मानसिंह हॉस्पिटल पहुंचे 5 शवों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है। दरअसल, शुक्रवार सुबह भारत पेट्रोलियम का टैंकर अजमेर से जयपुर की तरफ आ रहा था। करीब 5.44 मिनट पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने टैंकर ने यू-टर्न लिया। इस दौरान जयपुर से अजमेर जा रहा ट्रक उससे भिड़ गया।

रिटायर्ड आईएएस के लापता होने की भी खबर
एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के लापता होने की भी खबर है। उनकी कार घटनास्थल पर मिली, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका है। प्रशासन उनकी तलाश में जुटा हुआ है।

18 टन गैस लीक हुई

गेल इंडिया लिमिटेड के DGM (फायर एंड सेफ्टी) सुशांत कुमार सिंह ने बताया कि टक्कर से टैंकर के 5 नोजल टूट गए और 18 टन (180 क्विंटल) गैस लीक हो गई। इससे इतना जोरदार धमाका हुआ कि पूरा इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया। जहां टैंकर में ब्लास्ट हुआ उसे करीब 200 मीटर दूर एलपीजी से भरा एक और टैंकर था। गनीमत रही कि उसने आग नहीं पकड़ी।

5 की मौके पर मौत, 9 ने हॉस्पिटल में दम तोड़ा

टैंकर ब्लास्ट में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए। जबकि 9 झुलसे लोगों की सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में अब भी 31 लोग एडमिट हैं। इनमें करीब 20 लोग 80 फीसदी तक झुलसे हैं। हॉस्पिटल लाए गए कुछ शवों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। एक शव का तो केवल धड़ ही लाया गया था। वहीं, एक शव पोटली में हॉस्पिटल पहुंचा था। हादसे से प्रभावित परिवारों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहायता कोष से कुल 7 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई है।

आग की चपेट में आईं स्लीपर बस समेत 40 गाड़ियां खाक
आग इतनी तेजी से फैली कि 40 से ज्यादा गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। टैंकर के ठीक पीछे चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री भी जल गई। एक्सीडेंट की वजह से बस का दरवाजा एक ट्रक से चिपक गया। इस कारण उसमें सवार 34 लोगों को बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिली।बड़ी मुश्किल से ड्राइवर वाले गेट से लोगों को बाहर निकाला गया। इस बस में सवार 19 से ज्यादा लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

रोडवेज बस को ओवरटेक करने के बाद ट्रक ने मारी थी टक्कर

जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 5.30 का वक्त था। रोडवेज बस को ओवरटेक करने के बाद कंबल से भरे एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मारी थी। जिस रोडवेज बस को ट्रक ने ओवरटेक किया वो भीलवाड़ा डिपो की थी। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी रहे कंडक्टर हरविंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उनकी बस जयपुर से भीलवाड़ा जा रही थी। बस में चार सवारियां सवार थी। दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास बने कट पर एलपीजी से भरा टैंकर यूटर्न ले रहा था। इसी दौरान हमारी बस को ओवरटेक करते हुए एक तेज रफ्तार ट्रक ने यूटर्न ले रहे एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि टैंकर का नोजल टूट गया और एलपीजी गैस का रिसाव होने लगा। एलपीजी गैस कोहरा की तरह तेजी से बाहर निकली।
एलपीजी गैस ने 15 से ज्यादा चलती गाड़ियों को बंद कर दिया

कंडक्टर हरविंदर शेखावत ने बताया कि हर तरफ एलपीजी गैस कोहरे की तरफ फैल रही थी। हमारी बस एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद महज 50 मीटर की दूरी पर ही अचानक बंद हो गई। मैंने ड्राइवर दशरथ सिंह को चिल्लाते हुए कहा कि जल्दी गाड़ी स्टार्ट करके भगाओ, गैस फैल रही है, आग लग सकती है। ड्राइवर ने दो से तीन बार सेल्फ मारकर बस को स्टार्ट करने की कोशिश की। लेकिन बस स्टार्ट नहीं हुई। मैं भांप गया था कि कभी भी आग लग सकती है। मैंने तत्काल चारों सवारियों को बस से उतार कर भागने के लिए कहा। सवारियां उतारने के बाद ड्राइवर सहित हम बस वहीं छोड़कर भागने लगे।

गैस से चलती गाड़ियां बंद हो रही थी, मैंने 10 ज्यादा लोगों को गाड़ियों से बाहर निकाल बचाया

हरविंदर सिंह ने बताया कि हाईवे पर हादसे के पास सिर्फ हमारी ही नहीं दूसरी कई गाड़ियां भी बंद हो रही थी। हमारे पीछे चल रहा एक ट्रक और स्विफ्ट कार भी इसी तरह बंद हो गए। मैंने चिल्लाते हुए गाड़ियां वहीं छोड़कर भागने के लिए कहा। रास्ते में करीब 10 से ज्यादा बंद गाड़ियों में सवार लोगों को भागने के लिए कहा। हाइवे की सर्विस लेन में खड़े एक ट्रेलर में तीन लोग सो रहे थे। उन्हें नींद से जगाया। तब जाकर लोगों की जान बची।

हादसे की जगह से 100 मीटर दूर भागने के बाद धमाका हुआ

हरविंदर सिंह ने बताया कि एलपीजी टैंकर और ट्रक में टक्कर हुए मुश्किल से 2-3 मिनट ही हुए होंगे। अचानक तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। आग का गुबार 100-200 फीट ऊंचा गुबार उठा और हर तरफ तेज रोशनी हुई। धमाके की आवाज सुनकर ही हम डर से खौफ में आ गए। गनीमत रही कि हम गैस रिसाव होने के बाद वहां से दूर हट गए थे। अगर एक्सीडेंट के तुरंत बाद आग लग जाती हम सब जिंदा जल जाते। धमाके के बाद हम लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी और बिजली की सप्लाई बंद करवाई।
चलती हुई कार बंद हुई फिर अंदर धमाके से गेट टूट गए .

हादसे की जगह से 100 मीटर दूर भागने के बाद धमाका हुआ

हादसे वाली जगह से महज 80-100 मीटर दूर एक फार्म हाउस पर गार्ड की ड्यूटी कर रहे जमना लाल ने बताया कि सुबह के करीब साढे़ 5 बजे का वक्त था। हादसे के समय मैं गेट के बाहर ही खड़ा था। एलपीजी गैस की रिसाव के बाद हाईवे पर कुछ भी दिखना बंद हो गया था। एक ड्राइवर वहां से भागने के लिए कार भगाकर जाने लगा, लेकिन चलती कार बंद हो गई। थोड़ी देर बाद आग लगी और तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि कार के शीशे तक टूट गए। हादसे के बाद मैंने देखा कि एक ट्रेलर चलते-चलते बंद हो गया।  उसके बाद उसमें आग लग गई। हादसे की जगह करीब एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में आग लगी थी। इनमें से कई लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।

हादसे के बाद सरकार ने क्या की घोषणा
सरकार का मुआवजे का ऐलान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है।  अब मुख्यमंत्री ने इस तरह के हादसों को रोकने के लिए विशेष उपाय करने और हाईवे पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की बात कही है। यह हादसा एक बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज हुआ है, जिसने सड़कों पर सुरक्षा की गंभीर स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं

 

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