साध्वी लावण्यश्रीजी ने दीपावली पर्व पर विशेष मंगलपाठ पर सुनाया और कहा कि सत्य मार्ग पर अड़िग रहें

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बुधवार को मनाया जाएगा अणुव्रत दिवस
चेन्नई ,13नवम्बर। (स्वरुप चन्द दाँती)
भगवान महावीर निर्माण दिवस, दीपावली के पावन अवसर पर युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी लावण्यश्रीजी ठाणा-3 के श्रीमुख से तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में श्रावक समाज को मंगल मंत्रोच्चार, पावन पाथेय के साथ आध्यात्मिक शक्ति के सम्प्रोषण का लाभ मिला।

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प्रातःकाल श्रावक समाज से खचाखच भरे प्रवचन सभागार में साध्वी लावण्यश्री ने विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि श्रमण भगवान महावीर ने हमें सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र रुपी त्रिवेणी साधना में सलग्न बने रहने का मार्ग बताया। इस मार्ग पर चल कर ही व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर सकता हैं।

साध्वी लावण्यश्रीजी ने दीपावली पर्व पर विशेष मंगलपाठ पर सुनाया और कहा कि सत्य मार्ग पर अड़िग रहें

भगवान महावीर की अंतिम देशना जो उत्तराध्ययन सूत्र में गूंफीत है। उनकी वाणी जन-जन के लिए कल्याणकारी है। हम भी भगवान महावीर द्वारा दी हुई त्रिवेणी में स्नान कर आत्मोत्थान की दिशा में प्रगति करें।
साध्वी श्री ने आगे कहा कि नमस्कार महामंत्र के स्मरण से हमारे आस पास के अशुभ परमाणु दूर हो जाते हैं। इसलिए हम खाना खाने बैठे या अन्य भौतिक या आध्यात्मिक प्रवृत्ति, हर कार्य से पूर्व नमस्कार महामंत्र का स्मरण करना चाहिए। चिन्तन शुभ होने, सकारात्मक होने से अमावस्या या अन्य अशुभ ग्रह, नक्षत्र भी शुभ हो सकते हैं।

प्रेरक घटना प्रसंग के माध्यम से साध्वीश्री ने पाथेय प्रदान किया कि सत्य को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। जो व्यापारी, गृहस्थ सत्य का पालन करता है, वह कुछ कठिनाई आने पर भी सदैव सफल होता है। उसका चारों दिशाओं में सत्य के कारण यश होता है, किर्ती होती है, सम्मान होता है। ‘सुख-दुःख रेख कर्म की टाल सके न कोई,’ – ‘अनहोनी होती नहीं, होनहार नहीं टाल’। सुख दुःख अपने स्व कर्मों से आते हैं, अतः उसे समभाव से सहन कर आगे बढ़ना चाहिए।

अन्त में साध्वीवृन्द ने मंगल मंत्रोच्चार के साथ सभी को आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ने का आह्वान किया और आचार्य प्रवर द्वारा निर्देशित इस वर्ष में चार पुस्तकों का स्वाध्याय करने की प्रेरणा दी।
अणुव्रत समिति मंत्री स्वरूप चन्द दाँती ने आगामी बुधवार 15 नवम्बर को आचार्य श्री तुलसी के जन्मदिन ‘अणुव्रत दिवस’ के बारे में बताने के साथ, अणुविभा द्वारा निर्देशित उस दिन ज्यादा से ज्यादा उपवास करने की जानकारी दी।

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