जिला हॉस्पिटल में स्पेशल न्यू बोर्न यूनिट शुरू


- नवजात बच्चों को मिलेगा इलाज, पीबीएम रेफर करने की नहीं पड़ेगी जरूरत
बीकानेर, 31 मार्च। बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल के बाद अब जस्सूसर गेट स्थित जिला अस्पताल में स्पेशल न्यू बोर्न यूनिट शुरू हो गई है। अब नवजात बच्चों को गंभीर हालत होने पर पीबीएम अस्पताल रेफर नहीं करना पड़ेगा। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए एक साथ तीन नई यूनिट एक अप्रैल से शुरू होंगी।



एसडीएम राजकीय जिला हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. सुनील हर्ष ने बताया कि पूर्व मे निर्मित तीन महत्वपूर्ण यूनिट्स एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट), एमएनसीयू (मेटरनल एंड न्यूबोर्न केयर यूनिट) और एफपीसीयू (फेमिली पार्टीसिपेटरी केयर यूनिट) का 1 अप्रैल से संचालन शुरू हो जाएगा।


स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट में जन्म से 28 दिन की उम्र तक के नवजात शिशुओं के लिए आईसीयू सुविधाओं का संचालन किया जाता है, जिसमें इन नवजातों की विभिन्न बीमारियों और समस्याओं जैसे प्रीमेच्योरिटी, सेप्टिसीमिया, पीलिया, श्वसन संबंधी रोगों, कमेडे आना और अल्प व अत्यधिक अल्प वजन के बच्चों का इलाज विशेष रूप से किया जाता है।
मेटरनल एंड न्यूबोर्न यूनिट में ऐसे अपेक्षाकृत कम लक्षणों और समस्याओं वाले बच्चों को उनकी माता के साथ ही भर्ती किया जाता है ताकि नवजात शिशुओं को इलाज के साथ साथ अपनी मां का सुलभ सानिध्य मिल सके। फेमिली पार्टीसिपेटरी केयर यूनिट मे माताओं को नवजात शिशुओं के केयर के लिए काउंसलिंग का काम किया जाता है।
इन यूनिट्स के प्रभारी नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि इस प्रकार की यूनिट्स मे नवजात शिशुओं को समय रहते इलाज देने से नवजात शिशु मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी रोकथाम लगाई जा सकती है और मरीजों को टर्शियरी लेवल की चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी
प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति
वर्तमान में अस्पताल मे डॉ प्रवीण चतुर्वेदी के निर्देशन में सीनियर रेजिडेंट डॉ मनीष पुष्करणा और नर्सिंग प्रभारी अमित वशिष्ठ एवं अन्य प्रशिक्षण प्राप्त नर्सिंग स्टाफ द्वारा यूनिट्स मे सेवाएं दी जा रही है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा इस के लिए समय समय पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाता रहा है।
ये सुविधाएं मिल सकेगी
उच्च गुणवत्ता के इलाज के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर भोजन एवं काउंसलिंग की सुविधा
एमएनसीयू में जहां नवजात शिशुओं की माताओं को उच्च कोटि का पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देने के साथ साथ माताओं को स्तनपान प्रबंधन, कॉलोस्ट्रोम की उपयोगिता, साफ सफाई रखने, संक्रमण से बचाव, कंगारू मदर केयर एवं अस्पताल से डिस्चार्ज के पश्चात शिशु के स्वास्थ्य के देखभाल संबंधी जानकारियां दी जाती है और उनकी काउंसलिंग की जाती है। नवजात शिशुओं के उपचार हेतु इन यूनिट्स मे अत्याधुनिक फोटोथैरेपी, रेडिएंट वार्मर, बबल सीपैप मशीन, वेंटिलेटर, कार्डियक मॉनिटर, डिफीब्रीलेटर, बिलीरुबिनोमीटर, इंफ्युजन पंप आदि की सुविधा उपलब्ध है।
प्रति यूनिट 24 बेड संख्या
वर्तमान में जिला अस्पताल में निर्मित और संचालित होने वाली एसएनसीयू यूनिट और एमएनसीयू यूनिट दोनों चौबीस-चौबीस बेड क्षमता की है। जिसका निर्माण तीन वर्ष से अधिक समय पूर्व केंद्र सरकार के कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत के करवाया गया था। स्टाफ की नियुक्ति नहीं होने के कारण इन में से केवल अस्पताल में जन्मे नवजात शिशुओं का ही उपचार करते हुए प्रायोगिक रुप से चलाया जा रहा था और पिछले एक साल मे 400 से अधिक नवजात शिशुओं का सफल उपचार किया जा चुका है। जिसमें 1100 ग्राम के बच्चे का दो माह तक सफल उपचार भी शामिल है।
रेफरल सुविधा
इन यूनिट्स का निर्माण अस्पताल में जन्मे नवजात शिशुओं के साथ साथ अस्पताल से बाहर सबसेंटर, पीएचसी और सीएचसी के साथ साथ निजी अस्पतालों में जन्मे नवजात शिशुओं के रेफरल पर उपचार की सुविधा है।
निशुल्क उपचार और भोजन
सरकारी क्षेत्र में बीकानेर में यह पीबीएम के बाद एसडीएम जिला अस्पताल में दूसरी यूनिट है, जहां भर्ती नवजात शिशुओं और उनकी माताओं को राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और जांच योजना का पूर्ण लाभ मिलेगा एवं इसमें मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत सभी तरह के उपचार निशुल्क किए जाएंगे।