श्री विवेकनाथ महाराज योगेश्वर जी के 58 वें निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में विशेष पूजन अर्चना……
बीकानेर , 23 दिसम्बर। नत्थूसर बास स्थित श्री विवेक नाथ जी बगीची (श्री नवलेश्वर मठ) में श्री श्री 1008 श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ परिव्राजकाचार्य पूज्य गुरुदेव श्री विवेक नाथ जी महाराज का 58वां पावन निर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर श्री श्री 108 योगी शिवसत्यनाथ महाराज के पावन सान्निध्य में पूज्य श्री विवेकनाथ महाराज के समाधि स्थल पर पंडित जुगल किशोर ओझा व रामप्रसाद पुरोहित आदि विद्वान पंडितों के द्वारा महिमन रुद्री पाठ,पंचामृत अभिषेक आदि विभिन्न अनुष्ठानो से विशेष पूजा अर्चना की गयी व भोजन प्रसादी भण्डारे का आयोजन हुआ।
निर्वाण दिवस पर पधारे संतों व सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की व अन्य सभी संतों के समाधि स्थल पर भी पूजा अर्चना पूजन इत्यादि किया गया इस अवसर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति में नवलेश्वर मठ के अधिष्ठाता श्री श्री108 योगी शिवसत्यनाथ जी महाराज ने अपने प्रवचन में पूज्य विवेकनाथजी महाराज के निर्वाण दिवस पर सभी सनातनी श्रद्धालु भक्तों को गौ माता की सेवा के महत्व के बारे में बताते हुए सबको नशे के प्रति सचेत व जागरूक रहकर नशा मुक्त जीवन जीने का आह्वान किया।
श्री विवेकनाथ जी महाराज के जीवन के सिद्धांतों और उनके धर्मपरायण भाव को प्रकट करते हुवे उन्होंने अपने प्रवचन में बताया कि श्री विवेक नाथ जी महाराज सनातन धर्म व गौ सेवा हेतु हमेशा सच्चे भाव से समर्पित पूज्य संत थे उन्होंने अपने जीवन काल में गौ संरक्षण व संवर्धन हेतु अनेकों सेवा प्रकल्प चलायें व विभिन्न धार्मिक पुस्तकें साधकों हेतु लिखी व प्रकाशित करवाकर आम जन को धर्म के प्रति जागरूक किया उन्होंने बताया कि पूज्य श्री विवेकनाथ जी महाराज बहुत उच्च कोटि के महान संत थे। जिन्होंने सनातन धर्म के प्रति लाखों लोगों को जागरूक करने का संकल्प लेकर जीवन पर्यंत लग रहे आज उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर आज भी श्री विवेकनाथ जी बगेची में सनातन धर्म के प्रति आमजन को धर्म परायण व धर्म के प्रति समर्पित भाव उत्पन्न करने हेतु नित्य धार्मिक अनुष्ठान में वेद,पुराण गीता,रामायण का पठन-पाठन होते हैं।
श्री शिवसत्य नाथ जी महाराज द्वारा कथा वाचन भी होता है निर्वाण दिवस पर पूज्य संत श्री विलासनाथ जी महाराज, पूज्य ओमनाथ जी महाराज,पूज्य श्री भावनाथ जी महाराज आदि संतों का भी सान्निध्य भक्तों को प्राप्त हुआ इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग सूर्य प्रकाश जी राठी परिवार का रहा|उक्त जानकारी बगेची के सेवादार नन्दकिशोर गहलोत ने दी।