हवन-पूजन के साथ हुई श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति, रात्रि जागरण में बही भजनों की सरिता

  • कलयुग में सत्संग ही मुक्ति का मार्ग : राकेश भाई पारीक

बीकानेर, 20 जुलाई । भीनासर स्थित गौरक्ष धोरा के श्रीनखत बन्ना मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा को आज विश्राम दिया गया। हवन-प्रसादी के साथ कथा की पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओं ने सत्संग भी किया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

कथा वाचक राकेश भाई पारीक ने कहा कि मनुष्य जीवन के लिए सत्संग का बेहद महत्व है, सत्संग ही ऐसा माध्यम है जो आपको लोभ, मोह, काम व क्रोध से दूर रखता है। कलयुग में सत्य, दया, दान और पवित्रता इन सबसें ज्यादा भगवान के नाम का महत्व है। कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर सुमिर भाव उतरही पारा इस पंक्ति को दोहराते हुए सबको समझाया हर हाल में भगवान का नाम लेने की चेष्टा करो, शायद अंत समय परमात्मा का नाम आ जाए और हमेशा-हमेशा के लिए जन्म-मरण से मुक्ति मिल जाए।

mmtc
pop ronak

राजा परीक्षित ने भगवान के नाम का सहारा लिया। इसलिए सातवें दिन ही मुक्ति मिल गई। मुक्ति के लिए गुरु की शरण में जाना भी आवश्यक है। दत्तात्रेयजी ने अपने जीवन में 24 गुरु बनाकर अलग-अलग गुरु से अलग-अलग ज्ञान अर्जित किया और वही ज्ञान प्रत्येक जीव को राह दिखाने वाला है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु धारण कर गुरु से नाम की दीक्षा लेकर उसे नाम जप में लग जाओ।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

आयोजन से जुड़े प्रवीण भाटी ने बताया कि कथा पूर्णाहुति के बाद रात्रि में जागरण का आयोजन किया गया जिसमें बीकानेर व नागौर से पधारे कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी। भाटी ने बताया कि रविवार को सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं द्वारा गुरु पूजन व हवन किया जाएगा। इस दौरान महाप्रसादी का भी आयोजन होगा।

मुक्ति का मंशा रखो, परमात्मा अवश्य मिलेंगे : शिवशक्तिनाथजी महाराज

भागवत कथा में नवलेश्वर मठ के महंत शिव सत्य नाथ जी का सान्निध्य रहा। गौरक्ष धोरा श्रीनखत बन्ना मंदिर पीठाधीश्वर योगी रामनाथजी महाराज नेशिव सत्य नाथ जीका माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। महंत शिव सत्य नाथ जी भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में मुक्ति की इच्छा रखने वाले भी लोग कम हैं। इसलिए मुक्ति की इच्छा रखो, परमात्मा जरूर सुनेंगे। प्रभुनाम सुमिरन के साथ ही सेवा व सहायता के कार्य कर मानव जीवन को सफल बनाएं।

गौसेवा व पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी -योगी रामनाथजी महाराज

गौरक्ष धोरा श्रीनखत बन्ना मंदिर पीठाधीश्वर योगी रामनाथजी महाराज ने कहा कि गौसेवा साक्षात् 33 कोटि देवी-देवताओं की सेवा है। गौमाता की सेवा करने वाला हरि की कृपा का पात्र होता है। योगी रामनाथजी महाराज ने कहा कि इसी तरह प्रत्येक व्यक्ति को पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भागीदार बनना चाहिए। पौधों की सार-संभाल करना भी बेहद जरूरी है।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *