मथेरन चित्र शैली का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर शुरू
बीकानेर, 13 जून। राजस्थान ललित कला अकादमी और कला, साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा मथेरन चित्र शैली का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (आइएएसई) में शुरू हुआ। शिवबाड़ी मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद ने इसकी शुरुआत की। इला पारीक ने मंत्रोच्चार किया।
इस अवसर पर मथेरण चित्रकार मूलचंद महात्मा, राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष, राजकीय उच्च अध्ययन संस्थान के प्राचार्य रामदेवली मीना और डॉ.राजकुमार शर्मा, अभिलेखागार निदेशक डॉ. नितिन गोयल, शिविर कोर्डिनेटर – डॉ. मोना सरदार डूडी और युवा चित्रकार कमल किशोर जोशी आदि मौजूद रहे। डॉ. राकेश किराडू ने मथेरन कला तथा अकादमी सचिव डॉ.रजनीश हर्ष ने शिविर की जानकारी दी।
स्वामी विमर्शानंद ने कहा कि कला और संस्कृति बिना मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। युवाओं को इस दिशा में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थी पूर्ण मनोयोग से नया ज्ञान अर्जित करें। युवा चित्रकार सुनील रंगा ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शमीम पड़िहार ने किया। बृज नारायण व्यास ने आभार जताया। किया।