भारत सरकार के निर्देशानुसार स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित

बीकानेर, 31 दिसंबर। भाकृअनुप.राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, एनआरसीसी, बीकानेर द्वारा भारत सरकार के निर्देशानुसार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत दिनांक 16 से 31 दिसम्बर 2024 की अवधि में मनाए गए स्वच्छता पखवाड़ा में स्वच्छता संबंधी संदेश को व्यापक स्तर पर प्रचारित- प्रसारित करने के उद्देश्य से केन्द्र द्वारा आज समिति कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । केन्द्र ने इस पखवाड़े में क्या क्या कार्यक्रम आयोजित किए तथा क्या प्रयास किये गए , यह नहीं बताया गया।

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प्रेस वार्ता के दौरान अपने भाषण में केन्द्र निदेशक डा. आर. के. सावल ने स्वच्छता के महत्व एवं इसके प्रति जागरूकता पर कहा कि स्वच्छता का हम सभी के जीवन में विशेष महत्व है। भारत सरकार द्वारा स्वच्छता के प्रति जागरूकता का यह अभियान, जनमानस में अब तेजी से प्रभावी तौर पर प्रचारित.प्रसारित हो रहा है तथा स्वच्छता को लेकर आमजीवन की मानसिकता में अब परिवर्तन आने से हमारे सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, अस्पताल तथा पर्यटन स्थलों आदि की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र, अनुसंधान के अलावा एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विश्व प्रसिद्ध है। इसे दृष्टिगत रखते हुए यहां लगभग 20-25 ऐसे स्‍थल, प्‍वाईंट, तैयार किए गए है जिन्‍हें स्वच्छता संबंधी अभियान से सतत रूप से जोड़ा गया है । डॉ. सावल ने बताया कि केन्द्र की पर्यटनीय छवि, स्‍वच्‍छता कार्यक्रमों के प्रति विशेष जागरूकता बरतने के कारण बढ़ रही है तथा एनआरसीसी को देखने हेतु सैलानी, ऊँट पालक, किसान, विद्यार्थी गण आदि हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष आते हैं।
डॉ. सावल ने ऊँट संबद्ध संस्‍थान होने के नाते कहा कि केन्‍द्र द्वारा ऊँटों के रखरखाव व प्रबंधन के तहत विविध गतिविधियों के माध्‍यम से पशुपालकों को स्‍वच्‍छता व स्‍वच्‍छ दूध उत्‍पादन के प्रति विशेष रूप से प्रोत्‍साहित किया जाता है ताकि वे पशुओं से अधिक उत्‍पादन व आमदनी भी प्राप्‍त कर सकें । उन्‍होंने ऊँटों के विविध उपयोग, ऊँटनी के दूध के औषधीय महत्‍व, उष्‍ट्र पोषण पर भी अपने विचार रखें ।

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इस अवसर पर केन्‍द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.घोरुई ने भी केन्‍द्र में स्‍वच्‍छता के महत्‍व को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि पशुओं के समुचित प्रबंधन हेतु साफ.सफाई का अत्‍यधिक महत्‍व है। इसके प्रति पशुपालकों को जागरूक रहना चाहिए ताकि उनका पशु इस जरूरी पहलु की अनदेखी के कारण बीमार न हों।

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अंत में केन्‍द्र में आयोजित इस स्‍वच्छता पखवाड़ा के नोडल अधिकारी नेमीचंद बारासा, सहायक मुख्‍य तकनीकी अधिकारी ने प्रेस-मीडिया बन्‍धुओं की सक्रिय सहभागिता हेतु सभी के प्रति धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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