शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन – मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन : मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन : मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
चन्द्रप्रभु जिनालय जिर्णोंद्धार चल प्रतिष्ठा शुक्रवार को
श्रीहुनमानजी की उपासना से होता है चरित्र-रक्षण, बल-बुद्धि का विकास