उपकारी का स्थान सर्वोपरि होता है- मुनि हिमांशु कुमार
उपकारी का स्थान सर्वोपरि होता है- मुनि हिमांशु कुमार
उपकारी का स्थान सर्वोपरि होता है- मुनि हिमांशु कुमार
शुभ भावों से की प्रवृत्ति भव सागर पार लगाती है – मुनि हिमांशुकुमार
पुरुषार्थ के मूर्त रुप थे आचार्य महाप्रज्ञ – मुनि हिमांशुकुमार