शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन – मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन : मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
शुद्ध भावों से वन्दना करने से होता तीर्थंकर गौत्र का बंधन : मुनि श्री हिमांशुकुमारजी
सुरजा देवी का पार्थिव देह एस.पी. मेडिकल कॉलेज में दान
व्यवहारिक शिक्षा के साथ साथ धार्मिक शिक्षा की आवश्यकता
आर.बी.आई. बैंक अधिकारीयों द्वारा SJPS वित्तीय साक्षरता सेमिनार आयोजित
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन