
शोक को अशोक बनाना,अंतस अव्यक्त को व्यक्त करना साहित्यकार का काम -विमर्शानन्द
शोक को अशोक बनाना,अंतस अव्यक्त को व्यक्त करना साहित्यकार का काम -विमर्शानन्द
शोक को अशोक बनाना,अंतस अव्यक्त को व्यक्त करना साहित्यकार का काम -विमर्शानन्द
सत्संग व संयुक्त परिवार आज की जरूरत-विमर्शानंद जी महाराज
लक्समीनारायण रंगा को श्रद्धा सुमन एवं भावांजलि अर्पण समारोह नागरी भण्डार स्थित नरेन्द्रसिंह ऑडिटोरियम में हुआ।