आतंकियों के ठिकानों को धमाकों से उड़ाया, भाग रहे आतंकी का सेना के डॉग ने हाथ चबाया
भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास-24 का समापन समारोह
जयपुर \ बीकानेर , 21 सितम्बर। भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास-24 का समापन समारोह महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया, जिससे इस द्विपक्षीय अभ्यास श्रृंखला के 20वें संस्करण का सफल समापन हुआ।
युद्ध अभ्यास-24 ने संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के तहत अर्ध-शहरी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया। इस अभ्यास में शारीरिक फिटनेस, सामरिक अभ्यास, और दोनों सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, तकनीकों और प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान पर जोर दिया गया, जो समापन समारोह के दौरान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुआ।
भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अमोघ डिवीजन की राजपूत रेजिमेंट के एक बटालियन समूह और एक इन्फैंट्री ब्रिगेड मुख्यालय ने किया, जबकि अमेरिकी दल में अलास्का स्थित 1-24 इन्फैंट्री बटालियन और 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के तत्व शामिल थे। थार रेगिस्तान के कठिन भूभाग और जलवायु का सामना करते हुए इस दीर्घकालिक अभ्यास में 1,200 से अधिक कर्मियों ने भाग लिया।
यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया था। पहले चरण में, दोनों दलों ने युद्ध अभ्यास और सामरिक प्रशिक्षण पूरा किया, जिसमें उनकी संयुक्त संचालन क्षमता को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दूसरे चरण, जिसे सत्यापन चरण कहा जाता है, में प्रशिक्षण को संयुक्त अभियानों की एक श्रृंखला के माध्यम से व्यवहार में लाया गया। साथ ही, एक कमान योजना अभ्यास भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य योजना, तकनीकों, रणनीति और प्रक्रियाओं को सत्यापित करना और संयुक्तता तथा अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना था।
सत्यापन अभ्यास में अवलोकन चौकी स्थापित करना, रोड ओपनिंग ड्रिल, घेराबंदी और तलाशी अभियान, और घरों को साफ करने के अभ्यास जैसी कई प्रकार की संयुक्त गतिविधियाँ शामिल थीं, जिसमें हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके घायलों को निकाला भी गया। इसके अलावा, C-130, ALH और Mi-17 प्लेटफार्मों का उपयोग करके एयरबोर्न और हेलिबोर्न ऑपरेशंस भी किए गए। एक लाइव फायरिंग अभ्यास भी आयोजित किया गया, जिसमें PINAKA, HIMARS और M-777 तोपों जैसी लंबी दूरी की मारक क्षमता का उपयोग कर लक्ष्यों को बेअसर किया गया, जिसके बाद अंतिम घेराबंदी और तलाशी अभियान ने सटीकता और प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया।
भारत-अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। शनिवार को अंतिम दिन दोनों सेनाओं के जवानों ने दुश्मन के ठिकानों पर लाइव फायरिंग की। वहीं आसमान से अमेरिकी और भारतीय वायुसेनाओं के एयरक्राफ्ट ने उन्हें सटीक जगह पहुंचाया। इसमें अमेरिका का हरक्यूलिस और हलके हेलिकॉप्टर शामिल हुए। इस दौरान दंगों के बाद रोड ओपनिंग ड्रिल, दुश्मन की घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया।
इसमें काल्पनिक युद्ध में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सैनिकों का सम्मान हुआ, वहीं हथियार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। अब 2026 में इसका अगला चरण अमेरिका में आयोजित किया जाएगा।
वेलिडेशन एक्सरसाइज में हुई लाइव फायरिंग
समापन के दौरान वेलिडेशन एक्सरसाइज आयोजित की गई। यह 72 घंटों से चल रहे काल्पनिक युद्ध का हिस्सा रही। इसमें इन्वेस्टिगेशन चौकी स्थापित करना, रोड ओपनिंग ड्रिल, घेराबंदी-तलाशी अभियान समेत अन्य सैन्य गतिविधियां आयोजित की गई। इस एक्सरसाइज में हेलिकॉप्टर से जल्द से जल्द पहुंचकर टारगेट एरिया में घायल हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
जमीन और हवा से दुश्मन को चौंकाया
इस दौरान एयर एक्टिविटीज भी की गई। जमीन से मारक क्षमता बढ़ाने के साथ एयरफोर्स की भी सहायता ली गई। इसके लिए अमरीकी एयरक्राफ्ट C-130 हरक्यूलिस, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) और भारतीय सेना के Mi-17 के जरिए हवाई प्रैक्टिस भी की गई। साथ ही इन एयरक्राफ्ट के जरिए एयरबोर्न और हेलिबोर्न ऑपरेशन भी किए गए।
जमीनी सेना को मजबूत करने के लिए लाइव फायरिंग भी की गई। जिसमें PINAKA, HIMARS और M-777 तोपों जैसी लंबी दूरी की मारक क्षमता का उपयोग कर टारगेट ब्लास्ट किए गए। वेलिडेशन के आखिर में दुश्मन के ठिकानों की घेराबंदी की और तलाशी ली गई।
दो चरणों में हुआ युद्धभ्यास
युद्धभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अमोघ डिवीजन की 9वीं राजपूत रेजिमेंट बटालियन और इन्फेंट्री ब्रिगेड ने किया। जबकि अमेरिकी दल में अलास्का स्थित 1-24 इन्फेंट्री बटालियन और 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के जवान शामिल रहे। थार रेगिस्तान के महाजन महाजन रेंज में 1,200 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया। यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया था। पहले चरण में, दोनों दलों ने युद्ध अभ्यास और सामरिक प्रशिक्षण पूरा किया। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध के समय तालमेल को परखा गया। दूसरे चरण में वेलिडेशन का आयोजन हुआ। इसमें जॉइंट ऑपरेशन की अंतिम कड़ी के रूप में पेश किया गया।
समापन समारोह में आर्मी के जीओसी 16 रैपिड मेजर जनरल एनएस जाखड़ और अमेरिकी सेना के कमांडिंग जनरल 11 एयरबोर्न डिवीजन मेजर जनरल जो हिल्बर्ट ने दोनों देशों के भाग लेने वाले सैनिकों को संबोधित किया।
समापन समारोह में दोनों सेनाओं के उत्कृष्ट सैनिकों को सम्मानित किया गया और उनकी सांस्कृतिक और सैन्य विरासत को प्रदर्शित किया गया। एक श्रृंखला के कार्यक्रमों ने दोनों देशों की समृद्ध परंपराओं को उजागर किया, जिससे दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और अधिक मजबूती मिली। मेजर जनरल एन एस जाखड़, जीओसी 16 रैपिड, भारतीय सेना और मेजर जनरल जो हिल्बर्ट, कमांडिंग जनरल 11 एयरबोर्न डिवीजन, अमेरिकी सेना, ने दोनों देशों के भाग लेने वाले सैनिकों को संबोधित किया। पूरे अभ्यास के दौरान, दोनों दलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों से संबंधित मूल्यवान युद्ध अनुभव साझा किए।
इस कार्यक्रम का समापन एक हथियार और उपकरण प्रदर्शनी के साथ हुआ, जिसमें भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी रूप से निर्मित हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। युद्ध अभ्यास-24 भारत और अमेरिका के रक्षा साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियान में योगदान दिया।