आतंकियों के छुड़ाए छक्के, ऐसी घटनाओं की कहानी फिल्मों में नहीं रियल में भी पढ़ें
अलवर, 31 जनवरी। हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को गैलेंट्री अवार्ड देने की घोषणा की गई है। इनमें राजस्थान के अलवर के रहने वाले वीरेंद्र सिंह राजपूत का नाम शामिल है। इनका नाम केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है। इन्होंने साल 2021 में सर्च ऑपरेशन के दौरान अपनी गाड़ी से लश्कर-ए- तैयबा के आतंकी को गाड़ी से कुचल दिया था। अब अवार्ड की घोषणा होने के बाद अलवर में जगह-जगह वीरेंद्र सिंह को सम्मानित किया जा रहा है। वीरेंद्र सिंह राजपूत साल 2003 में सीआरपीएफ में ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए थे। दिसंबर 2021 के दौरान उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। 31 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के पंथा चौक में आतंकियों ने पांच पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करके उनका मर्डर कर दिया था।
आतंकियों की तलाश में जगह-जगह सर्च ऑपरेशन चलाए गए। सर्च ऑपरेशन में वीरेंद्र सिंह राजपूत सीआरपीएफ की 35वीं बटालियन में था। जो आतंक विरोधी दस्ते की टीम थी। अपनी टीम की गाड़ी लेकर वीरेंद्र सिंह राजपूत चल रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया। गाड़ी में बैठे बाकी लोग और वीरेंद्र खुद लगातार आतंकियों पर फायरिंग करके उन्हें जवाब दे रहे थे। इस बीच खुद से 10 मीटर की दूरी पर वीरेंद्र को हलचल दिखाई दी। उसे पता लग गया कि कोई आतंकी आगे झाड़ियों में बैठकर फायरिंग कर रहा है।
वीरेंद्र ने तुरंत अपने साथ बैठे असिस्टेंट कमांडेंट से पूछा कि सर इस पर फायर कर दूं क्या तो उन्होंने जवाब दिया कि फायर पॉसिबल नहीं है। वीरेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि इस पर गाड़ी ही चढ़ा देता हूं। इसके बाद असिस्टेंट कमांडेंट ने तुरंत सिर हिलाकर सहमति दे दी। वीरेंद्र सिंह ने तुरंत अपनी गाड़ी को पीछे लिया और फिर वहां आतंकी पर गाड़ी चला दी। हालांकि इस दौरान अन्य आतंकियों ने उन पर हमला करने की कोशिश की लेकिन वीरेंद्र और उनके कुछ साथी वहां से निकलकर आ गए।