कई नवाचारों के साथ सात दिवसीय उछब थरपणा का भव्य समापन हुआ

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  • विकास की अवधारणा के साथ नगर कला साहित्य में भी नए आयाम स्थापित कर रहा है-जेठानन्द व्यास

 

बीकानेर, 21 अप्रेल। राजस्थानी साफा-पाग, कला संस्थान एवं थार विरासत की ओर से नगर स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले आयोजनों की श्रृंखला में आयोजित 7 दिवसीय ‘उछब थरपणा’ के तहत आज समारोह का समापन 35 युवा कलाकारों द्वारा 20 विभिन्न कला अनुशासनों की प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ संपन्न हुआ।उछब थरपणा समापन समारोह के मुख्य अतिथि बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास ने युवा कलाकारों की भव्य कला प्रदर्शनी का अवलोकन कर सभी 35 युवा कलाकारों का उत्साहवर्द्धन एवं प्रोत्साहन देते हुए सम्मान किया जिसमें माला, सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिह्न सभी को अर्पित किया गया।

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समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए विधायक जेठानन्द व्यास ने कहा कि बीकानेर की युवा कला प्रतिभाएं अपनी समृद्ध कला परंपरा से जुड़कर नवाचार कर रही है। यह एक सुखद पहलू है। जेठानन्द व्यास ने आगे कहा कि किसी भी नगर की विकास की अवधारणा में जहां इन दिनों शिक्षा, स्वास्थ्य जल प्रबंधन बिजली आदि के साथ-साथ अध्यात्म, कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र मे भी नगर अपने वैभव को नये आयाम दे रहा है। व्यास ने आयोजक संस्थाओं को साधुवाद देते कहा कि नगर स्थापना पर विभिन्न तरह के सात दिवसीय आयोजन युवा प्रतिभाओं को समर्पित करना महत्वपूर्ण है।

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जेठानन्द व्यास ने कहा कि अन्य विकास की धारा के साथ विशेष तौर से कला और साहित्य के लिए जयपुर में ऐसे आयोजन करने का विचार रखता हूं ताकि बीकानेर की कला, संस्कृति एवं साहित्य जो अपने आप में समृद्ध है, जिसका वैभव पूरे प्रदेश में पहुंचाने का एक सकारात्मक उपक्रम करने का विचार है। समारोह के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी एवं जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी.पी. पच्चीसीया ने अपने उद्बोधन में कहा कि बीकानेर की परंपरागत कला अपनी एक अलग पहचान रखती है और इस युवा प्रदर्शनी के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि बीकानेर की कला अपने वैभव को अपनी कलम और कुंची से नव वैभव दे रही है। इस अवसर पर पच्चीसीया ने युवा कलाकारों के लिए ग्रामीण हट या अन्य उपयुक्त स्थल पर कला प्रदर्शन हेतु स्थान उपलब्ध कराने की भी मांग रखी। पच्चीसीया ने आयोजक संस्था और प्रतिनिधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सात दिन तक सात अलग-अलग आयोजन कर नगर स्थापना दिवस को मनाना वो भी गैर अनुदान पर महत्वपूर्ण है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि युवा कला प्रदर्शनी के माध्यम से 20 कलाओं की बेहतरीन कलाकृतियों ने पूरे वातावरण को कलामय बना दिया। युवा प्रतिभाओं का सम्मान होना, उन्हे प्रोत्साहन देना है, उसके साथ-साथ उनके लिए एक सृजनात्मक चुनौती भी है कि वह आने वाले दिनों में बीकानेर की समृद्ध कला परंपरा को और समृद्ध करें। रंगा ने इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि नगर विधायक एवं विशिष्ट अतिथि का साधुवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें सम्मान स्वरूप प्रतीक चिह्न अर्पित किया। प्रारंभ में समारोह के संयोजक राजेश रंगा ने उछब थरपणा के अवसर पर नवाचार के साथ सात दिवसीय आयोजनों यथा चंदा, पाग पगडी कार्यशाला, रंगोली मांडणा, निबंध, खेल संवाद एवं युवा कला प्रदर्शनी का आयोजन जो कि युवा प्रतिभाओं के माध्यम से ही सफल किया गया। जो महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर समारोह के समन्वयक कला विशेषज्ञ कृष्णचंद्र पुरोहित ने कहा कि पहली बार युवा प्रतिभाओं ने चंदा बनाना एवं पाग साफा बांधने का हुनर सीखा है जो एक उपलब्धि है, साथ ही सभी कार्यक्रमों में युवा प्रतिभाओं का बढ चढकर भाग लेना और युवा कला प्रदर्शनी मंे अधिकतम बालिकाओं की सहभागिता होना अपने आप में इस वर्ष के उछब थरपणा समारोह को ऐतिहासिक समारोह बना दिया। समारोह का संचालन करते हुए वरिष्ठ कला विशेषज्ञ डॉ. राजेश किराडू ने कला के विभिन्न पक्षों को रेखांकित करते हुए उछब थरपणा के महत्व को साझा किया। इसी संदर्भ में सभी का आभार युवा संस्कृतिकर्मी आशीष रंगा ने ज्ञापित किया।

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