श्री लक्ष्मी माता की दिव्य व विशेष तस्वीरो के वितरण कक्ष का विधिवत उदघाटन हुआ
बीकानेर , 6 नवम्बर। 11 वा चातुर्मास व 41 वा सावन मास पूजन अनुष्ठान के अन्तर्गत सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित श्री लक्ष्मी माता की दिव्य व विशेष तस्वीरो के वितरण की सुसंगत व्यवस्था हेतु वितरण कक्ष का विधिवत उदघाटन हुआ।
प्रथम चरण में लक्ष्मीनाथ जी मंदिर सहित 21 मंदिरों में वितरण शुरू हुवा
अगले चरण में ज़िले के 108 मंदिरों में भी तस्वीरों का वितरण होगा घर घर गूंजेंगे श्री लक्ष्मी माताजी के जयकारे। भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभोम महासभा , श्री विप्र महासभा , ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन की ओर से आहूत 11 वे चातुर्मास पूजन ,अनुष्ठान व 41 वे सावन मास पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेंद्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभोम महासभा , राष्ट्रीय संयोजक श्री विप्र महासभा , राष्ट्रीय महामंत्री ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन की अगुवाई में सवा लाख मन्त्रों से श्री लक्ष्मीमाता की दिव्य व विशेष तस्वीरे अभिमन्त्रित की गई है।
दिव्य व विशेष तस्वीरो के प्रति सनातन धर्मावलम्बियों के भारी रुझान व श्रद्धा को देखते हुवे वितरण की सुसंगत व्यवस्था हेतु श्री लक्ष्मीनाथ जी मंदिर बड़ा बाज़ार बीकानेर के परिसर में वितरण कक्ष का उदघाटन श्री लक्ष्मी माता के अभिमंत्रित तस्वीर का वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन करके विधिवत रूप से किया गया
वितरण कक्ष का विधिवत उदघाटन पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच , लक्ष्मीनाथ जी मंदिर के मुख्य पुजारी शंकर सेवग दाधीच (ओझा ) ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद लाल ओझा ट्रस्ट सदस्य किशन लाल ओझा गणेश मंदिर के पुजारी राजेंद्र सेवग, सूर्यप्रकाश सेवग , बुलाकी पुजारी, चन्द्र पुजारी, बाबूलाल पुजारी , श्याम देराश्री , शुभम् पुजारी , वासुदेव पुजारी, राकेश आसोपा ,श्रीराम ओझा , लीलाधर आसोपा, प्रवीण दाधीच ,रजत दाधीच आदि ने वैदिक मंत्रोचार के साथ किया।
वैदिक मंत्रोचार बुलाकी पुजारी राजा देराश्री ने किया । लक्ष्मी नाथ जी मंदिर बड़ा बाज़ार बीकानेर के परिसर में स्थापित वितरण कक्ष से सभी सनातन धर्मावलम्बियों को अपने घर – व्यवसाय स्थल आदि पर दीपावली को लक्ष्मी माता की पूजा हेतु सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित दिव्य व विशेष तस्वीरे भेंट / वितरित की जा रही है.
प्रथम चरण में निम्न 21 स्थानों पर भी अभिमंत्रित तस्वीरो के वितरण की व्यवस्था की गई है –
श्री लक्ष्मी माता मंदिर टैक्सी स्टैंड बड़ा बाज़ार , भेरु जी मंदिर चौक आचार्य चौक , हनुमान मंदिर मोहता चौक , शिव मंदिर बारह गवाड़ , शिव मंदिर सूरदासानी बग़ेची गोकुल सर्किल , बड़ा गणेश मंदिर नत्थूसर गेट , शिव मंदिर सामुदायिक भवन मुरलीधर , धरणीधर महादेव मंदिर , आदि गणेश मंदिर दाऊजी रोड , हनुमान मंदिर (हर्ष ) बीके स्कूल के पास जस्सूसर गेट , सत्यनारायण मंदिर पारीक चौक , रघुनाथजी मंदिर गोगागेट के अंदर ,नागणेचीजी मंदिर , लालेश्वर महादेव मंदिर शिवबाडी , वेषणो धाम जयपुर रोड , ग्रेजुएट हनुमान मंदिर सादुल गंज , शिव मंदिर व्यास कॉलोनी , श्री राम मंदिर गोतम भवन गंगा शहर सावन , टुंडला हनुमान मंदिर मुक्ता प्रसाद , करनी माता मंदिर सुरसागर , में अभिमंत्रित तस्वीरो के वितरण की विशेष व्यवस्था की गई है।
अगले चरण में शीघ्र ही सभी 108 मंदिरों में दिव्य तस्वीरे वितरित करने की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।
दीपावली पर छ दिवसीय अनुष्ठान में दीपोत्सव अन्नकुट आदि के अनुष्ठान होंगे जिले / शहर के 108 मंदिरों में पूजन दीपोत्सव अन्नकुट आदि के अनुष्ठान सनातन भक्तों के द्वारा अपने-अपने निवास स्थान के नजदीक स्थित मंदिरों में एक साथ किए जाएंगे।
मुख्य अनुष्ठान नगर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में 14 नवम्बर को अन्नकुट का भोग लगाया जाएगा जिसका प्रसाद वितरण सभी भक्तों को किया जाएगा
पिछले चार माह से अधिक समय से जारी यह अनुष्ठान सनातन जागृति एवम् सनातन पर्वों को पारंपरिक रूप से सभी सनातन धर्मावलम्बियों की सामूहिक उपस्थिति व सहभागिता के पावन उद्देश्य से पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच द्वारा लगातार किया जा रहा है। जो शहर /प्रदेश / देश का सबसे लंबी समयावधि का लगातार होने वाला दिव्य व विशेष अनुष्ठान बन चुका है।
108 मंदिरों में दिव्य होगा सामूहिक पूजन
दीपावली पर पाँच दिवसीय अनुष्ठान शहर / ज़िले के 108 मंदिरों में सनातन भक्त अपना नाम ब गोत्र के साथ संकल्प लेते हुए शहर , प्रदेश, देश की खुशहाली के साथ अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूजन दीपोत्सव आदि करेंगे ।
एक मंदिर की पूजा भी 108 मंदिरों की पूजा की फलदाई होगी
शास्त्रों के अनुसार सामूहिक पूजन अनुष्ठान का फल शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को मिलता है कार्तिक मास में आहूत कियें जा रहे 108 मंदिरों के सामूहिक पूजन दीपोत्सव अन्नकुट अनुष्ठान में एक मंदिर में संकल्प के साथ पूजन व आरती आदि करने वाले सनातन भक्तों को संपूर्ण 108 मंदिरों में पूजन एवं आरती आदि का दिव्य व अलौकिक फल मिलेगा।