शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ द्वारा अनिश्चितकालीन धरना 27वें दिन भी जारी रहा
- शिक्षा प्रशासन का मंत्रालयिक संवर्ग के साथ भेद-भाव
बीकानेर, 30 नवम्बर। अवकाश के दिन भी शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के सामने प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं मदनमोहन व्यास प्रदेश संस्थापक के नेतृत्व में मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रिव्यू/नियमित डीपीसी, 86 के वरिष्ठ कर्मचारियों को छोड़कर कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति देने एवं प्रकरण को उलझाने की उच्च स्तरीय जांच एवं शिक्षा निदेशालय सहित सम्पूर्ण राजस्थान के कार्यालयों एवं शालाओं में 100 प्रतिशत पदों को प्रदर्शित कर पदोन्नति में पदस्थापन आन-लाइन काउन्सलिंग के माध्यम से करने आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज 27 वें दिन प्रातः 11 बजे से जारी रहा, धरने के समर्थन में जितेन्द्र गहलोत, गिरजाशंकर आचार्य, विष्णुदत पुरोहित, नवरतन जोशी, कमलनयन सिंह, भगवत चरण पुरोहित, शिव प्रकाश छंगाणी, उमाशंकर बागड़ी, बालकिशन पुरोहित, अशोक सांखला आदि शामिल रहे।
प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने बताया कि शासन एवं प्रशासन ने उक्त वर्णित मांगों को मानकर संघ को सूचित नहीं किया गया है, इससे कर्मचारियों को प्रतिमाह 5000 से 8000 रू. का प्रतिमाह नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि उप प्रधानाचार्य की डीपीसी वर्ष 2022-23 दिनांक 20.11.2024 को कर चयन आदेश जारी कर दिये गये हैं। जिसमें उल्लेख किया गया है कि ’’उक्त चयन, कार्मिक विभाग की सन्तान सम्बन्धी अधिसूचना दिनांक 16.03.2023 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में दायर डीपीसी याचिका संख्या 13218/2024 व अन्य में पारित निर्णय के अध्यधीन रहेगा।’’ विभाग द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग में भी यह टिप्पणी अंकित कर रिव्यु एवं नियमित डीपीसी तत्काल करनी चाहिए परन्तु शिक्षा प्रशासन दोहरे मानदण्ड अपना रहा है एवं मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डीपीसी से वंचित रख कर भेद-भाव कर रहा है। अतः मांगे माने जाने तक निदेशालय पर दिनांक 04.11.2024 से शुरू अनिश्चितकालीन धरना अनवरत जारी रहेगा।