कांग्रेस के लिए इसलिए सबसे अहम रहे बीते 48 घंटे ! अगले कई चुनावों का शानदार खींच लिया खाका
कांग्रेस के लिए बीते 48 घंटे बेहद अहम रहे।
इस दौरान में कांग्रेस ने आने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों का पूरा खाका खींच लिया। इसमें दक्षिण भारत साधने से लेकर दलितों की सियासत भी शामिल है।
उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर से लेकर अलग-अलग राज्यों में हुई बैठक समेत उन सभी बिंदुओं की रूपरेखा भी शामिल है। जिसके आधार पर कांग्रेस ने खुद को आगे बढ़ाने की योजनाएं बनाई थीं।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अब राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के साथ-साथ लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सेदारी करने के बाद अगले कुछ महीनों की बड़ी कार्य योजनाओं पर काम शुरू कर रही है। सियासी जानकार भी मानते हैं कि कांग्रेस के लिए बीते 48 घंटे एक बहुत बड़े ऑक्सीजन के तौर पर उसको मिले हैं। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार और एन. किरन कुमार बताते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरीके से लोकसभा अध्यक्ष के पद पर अपने प्रत्याशी को खड़ा किया। भले ही वह यह चुनाव न जीत पाए हों, लेकिन पार्टी ने इससे दक्षिण भारत से लेकर दलितों के बीच में एक बड़ा संदेश दिया है।
उनका कहना है कि कांग्रेस ने दलित पॉलिटिक्स के लिहाज से यह बड़ा दांव चला था। भले ही लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में उनको सफलता न मिली हो, लेकिन दक्षिण से लेकर उत्तर तक में कांग्रेस ने दलितों को एक संदेश तो दे ही दिया। अखिल भारतीय दलित महासभा के सीबी राम कहते हैं कि जब दलितों को आगे बढ़ाने की बात सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं, तो कांग्रेस का यह प्रयास सियासी नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। उनका कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ दक्षिण से लोकसभा अध्यक्ष का प्रत्याशी और वह भी दलित को सामने करना आने वाले चुनाव के लिहाज से बड़ा संदेश दे रही है।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक एसपी ठाकुर कहते हैं कि कांग्रेस के लिए बीते 48 घटे बेहद महत्वपूर्ण गुजरे हैं। इस दौरान महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष होना और दलित, दक्षिण कांबिनेशन की लाइन को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका कहना है कि पार्टी अगर इस मौके को सियासी नजरिए से आगे बढ़ाना चाहे तो यह बेहद मुफीद वक्त भी है। क्योंकि पार्टी की बड़ी हुई सीटें विपक्ष के सभी प्रमुख घटक दलों के सामने राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष बनाना आने वाले दिनों में सकारात्मक संदेश देगा।
वहीं कांग्रेस के रणनीतिकारों की मानें, तो इन बीते 48 घंटों के पूरे घटनाक्रम के बाद पार्टी बेहद उत्साहित भी है और आगे की रणनीति पर काम भी शुरू कर चुकी है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में पार्टी की जो रणनीतियां ग्राउंड पर उतरने की बनी हैं, उन्हें अब और मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जाना है। इसमें खासतौर से बूथ स्तर पर और ब्लॉक स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं की मजबूत चेन बनाई जाएगी। इसके अलावा जो उदयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर की योजनाएं थीं, उनको ग्राम पंचायत स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने से संगठन और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा। वह तर्क देते हुए कहते हैं कि यह मौका पार्टी को तब मिला है जब उसने 2014 के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इसी प्रदर्शन और राहुल गांधी को मिली जिम्मेदारी के साथ कांग्रेस प्रदेश जिला, नगर, गांव, ब्लॉक में अगले 90 दिनों के भीतर बड़े आयोजन करने शुरू करेंगे। इस दौरान तय की गई कार्य योजना को अगले 45 दिनों के भीतर पूरा अमली जामा पहनाया जाएगा। हालांकि जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, वहां पर जुलाई के पहले सप्ताह में ही तय रणनीति पर काम शुरू हो जाएगा।