व्यवहारिक शिक्षा के साथ साथ धार्मिक शिक्षा की आवश्यकता

shreecreates

बीकानेर, 24 जनवरी। राष्ट्रसंत, डाक्टर,आचार्य प्रवर श्री दिव्यानंद सूरीश्वर महाराज साहब (निराले बाबा) के पावन सानिध्य में व्यवहारिक शिक्षा धार्मिक शिक्षा दोनों की संगोष्ठी आयोजित हुयी।
इस अवसर पर दिव्यानंद सूरीश्वर ( निराले बाबा ) ने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा की आज के इस युग में व्यवहारिक शिक्षा के साथ साथ धार्मिक शिक्षा की अत्यधिक जरूरत है। पूर्व काल में माता पिता अपने बच्चों को गुरुकुल में पढ़ाई करने हेतु भेजते थे । तो वहाँ पर धार्मिक शिक्षा भी दी जाती थी।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

इस युग में युवा वर्ग, बच्चे डिग्रिया तो बहुत हासिल कर रहे है परन्तु धार्मिक शिक्षा का अभाव है। आज का पढ़ा लिखा युवक माता- पिता अपने परिवार के बड़े बुजुर्गो का सम्मान कम करता है और अपमान करते हुए सैकेंड भी नहीं लगाता है ।

pop ronak

इसलिए प्रत्येक शिक्षण संस्थान को इस तरफ अवश्यमेव चिन्तन करना चाहिए। इस अवसर पर दीपक गहलोत एवं डाक्टर अजय वर्मा का अभिनंदन किया गया। बीकानेर के अलावा अन्य शहरो के गुरू भक्त भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। अनेकानेक गुरू भक्त मौजूद थे। कार्यक्रम के पश्चात माता पद्मावती देवी की सामूहिक आरती की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *