इबोला से नर्स की दर्दनाक मौत ने दुनिया में फैलाई सनसनी, क्या फिर से लौट आया घातक वायरस? 50% से ज्यादा मरीज गंवाते हैं जान

कंपाला,31 जनवारी। पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा में घातक इबोला वायरस ने एक नर्स की जान ले ली है। इसके साथ ही पूरी दुनिया में फिर से इबोला के लौटने की आशंका बनने लगी है। युगांडा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है, कि इबोला वायरस की चपेट में आने से एक पुरुष नर्स की मौत हो गई है। साल 2023 में इबोला वायरस का प्रकोप युगांडा में करीब करीब खत्म हो गया था, लेकिन नर्स की मौत ने युगांडा को फिर से सदमे में डाल दिया है। पूर्वी अफ्रीकी देश में इस साल इस बीमारी से ये पहली मौत दर्ज की गई है। युगांडा हेल्थ मिनिस्ट्री की सचिव डायना अट्विन ने गुरुवार को जानकारी दी है, कि 32 साल के नर्स मुलागो नेशनल स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल में काम करते थे।

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सचिव डायना अट्विन ने बताया है, कि नर्स की मौत इबोला के सूडान स्ट्रेन से हुई है। वहीं, युगांडा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है, कि मरीज का कई अस्पतालों में इलाज करवाया गया और जब जांच में इबोला वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई, उसके बाद उसे इबोला वायरस का इलाज करने वाले स्पेशल डॉक्टर्स के पास भेजा गया।

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युगांडा की मदद को आगे आया WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा है, कि उनका संगठन युगांडा में इबोला प्रकोप को रोकने के लिए युगांडा सरकार की तरफ से की जाने वाली कोशिशों का समर्थन कर रहा है और WHO के आपातकालीन फंड से 1 मिलियन डॉलर आवंटित कर रहा है। वहीं, सचिव डायना अट्विन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, कि “संभावित इबोला प्रभावित क्षेत्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीमें पूरी तरह से तैनात हैं, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग काम किया जा रहा है और स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सभी तरह के कदम उठाए गये हैं।” उन्होंने कहा, कि हम जनता को पूरी तरह से विश्वास दिलाना चाहते हैं, कि स्थिति पूरी तरह से हमारे कंट्रोल में है।

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हालांकि, स्वास्थ्य सचिव लोगों को विश्वास दिला रही हैं, लेकिन करीब 40 लाख लोगों की आबादी वाले युगांडा की राजधानी कंपाला में स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए तेजी से फैलने वाले इबोला वायरस को कंट्रोल करना काफी ज्यादा मुश्किल हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है, कि अभी तक 44 ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जो मृतक नर्स के संपर्क में आया था, जिनमें से 30 लोग स्वास्थ्य विभाग से ही हैं।

कितना खतरनाक है इबोला वायरस?
इबोला को काफी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा बीमारी माना जाता है, जिसमें मरीजों को तेज बुखार, उल्टी, दस्त, मांसपेशियों में तेज दर्द और कभी-कभी आंतरिक और बाहरी रक्तस्राव शामिल हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इबोला संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी और उनके परिवार के सदस्यों में काफी तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा होता है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, इबोला वायरस “जंगली जानवरों, जैसे कि चमगादड़, साही और गैर-मानव प्राइमेट, से लोगों में फैलता है और फिर संक्रमित लोगों के खून, स्राव, अंगों या शरीर से निकलने वाले अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने वाले लोगों में ये वायरस तेजी से फैलता जाता है। मरीजों के बिस्तर और कपड़ों के संपर्क में आने वाले लोग भी इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इबोला को सबसे ज्यादा खतरनाक जो बात बनाती है, वो है इससे होने वाली मौते। WHO ने इबोला से मृत्युदर 50 प्रतिशत से ज्यादा रखा है। हालांकि, कुछ मामलों में मृत्युदर 25 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक देखी गई है।

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