राष्ट्रीय पार्टियों के बीकानेर जिले व संभाग में विधानसभा टिकटों के वितरण को लेकर मूल ओबीसी वर्ग में भारी रोष
मूल ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को बीकानेर संभाग में दो टिकट की रखी मांग।
वोटो के चक्कर में हमारा हक दूसरों को दिया तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम।
बीकानेर, 24 अक्टूबर । बीकानेर जिले के मूल ओबीसी वर्ग की एक बैठक मंगलवार तुलसी सर्किल के पास सिद्ध धर्मशाला में आयोजित की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में भाजपा द्वारा विधानसभा क्षेत्रों के टिकट वितरण में बीकानेर संभाग में मूल ओबीसी वर्ग की अनदेखी की जा रही है। वही कांग्रेस ने भी बीकानेर जिले में मूल ओबीसी वर्ग की अनदेखी की है। जिसके चलते वर्तमान में मूल ओबीसी वर्ग में भारी रोष है।वोटो के चक्कर में हमारा हक दूसरों को दिया तो इन दोनों पार्टियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
वक्ताओं ने कहा कि मूल ओबीसी वर्ग के अधिकांश लोग भाजपा व कांग्रेस से लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं। बीकानेर संभाग में मूल ओबीसी के लगभग 20 लाख वोट हैं फिर भी उनकी अनदेखी की जा रही है। बैठक में एक राय होकर सभी ने बीकानेर जिले व संभाग में कांग्रेस व भाजपा द्वारा बची हुई सभी सीटों पर मूल ओबीसी के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की मांग की है।
वक्ताओं ने मूल ओबीसी वर्ग का प्रत्याशी बनाए जाने पर उसे भारी वोटों से जीता कर विधानसभा में भेजने की बात कही। बैठक में लिए अन्य निर्णय के अनुसार यदि बीकानेर जिले से मूल ओबीसी वर्ग को भाजपा व कांग्रेस आगामी जारी होने वाली सीट में प्रत्याशी नहीं बनाती है तो कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी को मूल ओबीसी वर्ग हराने का कार्य करेगा।
मिलन गहलोत ने यह बताया बीकानेर संभाग के अंदर कांग्रेस में दो सीटें दे दी है अभी तक बीजेपी की ओर से कोई ओबीसी की तरफ रुझान नहीं आया है . मुरली प्रजापत ने बताया की मूल ओबीसी के लोग 70से 80 परसेंट मूल ओबीसी बीजेपी के साथ रहती है, मगर फिर भी बीजेपी का रवैया मूल ओबीसी के प्रति ठीक नहीं है। अगर यही हालात बने रहे तो हम बड़ी बगावत करने की स्थिति में आ जाएंगे। भंवरलाल जांगिड़ ने कहा हम लोग पार्टी के साथ पूरी निष्ठा से लगे हुए हैं। पूरा वर्ग उसके बावजूद भी हमारे प्रति अनदेखी ठीक नहीं।
सोहनलाल प्रजापत कुंभार महासभा के अध्यक्ष, रामलाल हलवाई, विनोद सुथार, अशोक कुमार कच्छावा, निवेश सुथार, एडवोकेट देवकिशन कुमावत , मानाराम मंगलम, मीटिंग में उपस्थित जितेंद्र गहलोत ,राकेश सांखला, मनोज लंबा, सुरेश चंद्र सोनी, बंशीलाल प्रजापत ,अशोक सोनी, सुरेंद्र भाटी ,अशोक नाई, डूंगर राम मंगलाव ,मुकेश बन अनिल, हेमंत कच्छावा ,मदनलाल स्वामी ,मूलचंद जांगिड़, रामप्रताप वर्मा ,आदि लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आगे की रणनीति क्या होगी इसके संदर्भ में एक-दो दिन में ही आगमिक मीटिंग की घोषणा की जाएगी।