साहूकारपेट में पर्युषण पर्वाराधना का तृतीय दिवस “सामायिक दिवस”
चेन्नई, 14 सितम्बर। ‘युगप्रधान’ आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री लावण्यश्री जी के सान्निध्य मे तेरापंथ विद्यालय, साहूकारपेट के भव्य प्रांगण में पर्वाधिराज पर्युषण पर्व की साधना, आराधना, तप-जप, पौषध, संवर, प्रतिक्रमण, प्रवचन, प्रार्थना आदि के माध्यम से बहुत ही शानदार तरीके से चल रही है।
आज अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में एवं चैन्नई ते.यु.प के तत्वावधान मे “अभिनव सामायिक” का कार्यक्रम आयोजित हुआ। तेयुप चेन्नई द्वारा ‘आचार्य ऋषिराय’ गीत का सुन्दर संगान एवं ‘सोयी शक्तियां जगाने आया पर्युषण’ गीत की शानदार प्रस्तुति हुई। साध्वी श्री दर्शितप्रभा जी ने “अभिनव सामायिक” के अन्तर्गत त्रिपदी वंदना, चार चरण में जप, ध्यान, स्वाध्याय, त्रिगुप्ति साधना करवाई। साध्वी श्री सिद्धान्तश्री, साध्वी श्री दर्शितप्रभा जी ने ‘आत्मा की पोथी’ गीत का सुमधुर संगान किया।
साध्वी श्री लावण्यश्री जी ने सामायिक के महत्व को उजागर करते हुए कहा- सामायिक क्रिया नही समता की विशेष साधना है। जितनी-जितनी जीवन मे समता आती है, उतने ही विषमता के बादल छंट जाते हैं। भ. महावीर ने अपने जीवन मे न जप किया, न स्वाध्याय किया, लेकिन उनका हरपल – हरक्षण समता मे बीता। चाहे अनुकूल परीषय हो या प्रतिकूल भगवान समता मे लीन रहे। क्षमासूर बन कर अदभुत साधना की। चाहे एक ही करे पर पूरी एकाग्रता से, तन्मयता से, मन-वचन-काय के 32 दोषों का वर्जन करते हुए ‘सामायिक’ करे। आ.भा.ते.यू.प. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश डागा ने अभिनव सामायिक के उपलक्ष्य में विचार व्यक्त किए। संचालन साध्वी श्री दर्शितप्रभा जी ने किया।