सामने आई सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की वजह, हत्यारों को थी इस बात से नाराजगी; आज गिरफ्तार हुए शूटर समेत तीन आरोपी
- शूटर रोहित की गोगामेड़ी से 7 साल पुरानी रंजिश थी
- पुलिस को बताया- क्यों लॉरेंस गैंग के निशाने पर थे करणी सेना अध्यक्ष
दिल्ली \जयपुर , 10 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के आरोपी दोनों शूटर्स को उनके एक सहयोगी के साथ पुलिस ने शनिवार देर रात चंडीगढ़ से पकड़ लिया। शूटर्स को पकड़ने में दिल्ली पुलिस का सहयोग रहा।
पुलिस ने बताया कि यह हत्याकांड रोहित गोदारा के इशारे पर हुआ। मास्टरमाइंड वीरेंद्र चारण की प्लानिंग पर दोनों शूटर्स ने गोगामेड़ी को मारा था। इनमें से एक शूटर की गोगामेड़ी से रंजिश थी। रोहित गोदारा क्यों गोगामेड़ी को मरवाना चाहता था, इसके पीछे की कहानी भी साफ हो गई है…
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने वाली दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम के इंस्पेक्टर राकेश शर्मा ने आरोपियों पर शिकंजा कसने की इनसाइड स्टोरी बताई।
ख़ास रिपोर्ट में जाने अन्दर की स्टोरी
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम के इंस्पेक्टर राकेश शर्मा ने बताया- पकड़े गए दोनों शूटर्स हरियाणा के महेंद्रगढ़ का नितिन फौजी और राजस्थान में नागौर जिले के रोहित राठौड़ हत्याकांड के बाद गैंगस्टर रोहित गोदारा के टच में थे। वहीं, इनके हैंडलर वीरेंद्र चारण ने इनको लॉजिस्टिक, हथियार और रुपए तक मुहैया कराए थे। कहां भागना है, कैसे भागना है, इसका पूरा डायरेक्शन रोहित गोदारा से मिल रहा था।
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही पूरे आंदोलन की अगुआई की थी, लेकिन इसके बाद से बदली परिस्थितियों में उन पर रुपए लेने के कई आरोप लगे। इसके साथ उसकी लॉरेंस गैंग के साथ अनबन शुरू हो गई थी। इस बात का खुलासा दोनों शूटर्स ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से किया है। हालांकि अभी पूरा खुलासा जयपुर पुलिस के पूछताछ करने के बाद ही होगा।
रोहित की थी गोगामेड़ी से दुश्मनी
एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि रोहित राठौड़ की गोगामेड़ी से निजी दुश्मनी थी। इसी के चलते वह गोगामेड़ी के मर्डर के लिए तैयार हो गया था। 7 साल पहले जयपुर के वैशाली नगर थाने में रोहित पर राजपूत समाज की एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में नाबालिग के पिता की मदद गोगामेड़ी ने ही की थी।
रोहित को इस मामले में जेल काटनी पड़ी थी। इस केस के सिलसिले में उस पर घरवालों को काफी पैसे खर्च करने पड़े थे। साथ ही बहन की शादी के लिए उसका जयपुर स्थित मकान गिरवी तक रखना पड़ा था। इसी कारण से वह गोगामेड़ी को अपना दुश्मन मानता था। जयपुर जेल में रहने के दौरान ही रोहित राठौड़ की जान-पहचान लॉरेंस गैंग के वीरेंद्र चारण से हो गई थी। उसी ने रोहित को इस हत्याकांड के लिए तैयार किया था।
सोशल मीडिया पर CCTV वीडियो, जिसमें दिखे थे दोनों शूटर्स
गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद दोनों शूटर्स अपने साथी रामवीर के साथ उसकी बाइक पर बगरू टोल तक पहुंचे थे। जहां से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ बस से डीडवाना पहुंचे। डीडवाना से दोनों ने टैक्सी ली और सुजानगढ़ पहुंचे।
सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठकर रवाना हुए, लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस से उतर गए। पीछे-पीछे पुलिस चल रही थी। पुलिस ने जब बस ड्राइवर से इन दोनों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि दोनों धारूहेड़ा उतरे हैं। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा जाने वाली बस-ट्रेनों को सर्च किया।
पुलिस को दोनों बदमाश की लोकेशन हिसार रेलवे स्टेशन पर मिली। मीडिया के पास वो एक्सक्लूसिव CCTV फुटेज मौजूद हैं, जिसमें दोनों शूटर्स हिसार रेलवे स्टेशन के एस्केलेटर ब्रिज पर जाते हुए दिख रहे हैं। यहां के सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीमें हिसार भेजी गईं, लेकिन ये बदमाश वहां से भी मनाली (हिमाचल प्रदेश) के लिए निकल गए।
मनाली में इनकी लोकेशन मिलने पर टीमें रवाना हुईं तो ये वहां से नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के घर चंडीगढ़ पहुंच गए, यहां एक होटल में रुके। दिल्ली पुलिस को शनिवार दोपहर 2 बजे इनके चंडीगढ़ में होने की पुख्ता जानकारी मिली। दिल्ली पुलिस के एडीजी क्राइम रविंद्र सिंह ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और एडीजी क्राइम ने अपनी टीम के 7 अफसरों और पुलिसकर्मियों को इस ऑपरेशन में भेजा। पुलिस को डर था कि दोनों बदमाशों के पास हथियार हो सकते हैं। अगर पुलिस ने दोपहर या शाम को रेड की और दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू की तो कई लोगों की जान भी जा सकती है।
पुलिस ने आधी रात का इंतजार किया, जिससे किसी को नुकसान न हो। शूटर्स जब तक कुछ करने का प्लान बनाएं, उससे पहले पुलिस उन्हें पकड़ ले। पुलिस ने दोनों शूटर्स और उनके साथी उधम सिंह को पकड़ लिया। उधम सिंह ने भागने में इनकी सहायता की थी। दिल्ली पुलिस ने दोनों शूटर्स से रोहित गोदारा, लॉरेंस से संबंधित पूछताछ की। हत्यारों की गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस ने 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
परिचित को बोला था- कुछ दिन बाद निकल जाएंगे
चंडीगढ़ पहुंचने के बाद आरोपियों ने परिचित को घटना की जानकारी दी थी। उसे आश्वासन दिया था कि जैसे ही पुलिस का पहरा कम होगा, वे यहां से निकल जाएंगे। दोनों शूटर्स का देश छोड़कर नेपाल भागने का प्लान था, लेकिन उससे पहले ही वे धरे गए।
रामवीर से पूछताछ में मिले थे अहम सुराग
जानकार सूत्रों की मानें तो महेंद्रगढ़ (हरियाणा) से गिरफ्तार हुए रामवीर जाट से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने भी नितिन फौजी के कई ठिकानों के बारे में बताया था। उन पर काम करने से पहले ही दिल्ली पुलिस को जानकारी मिल गई थी।
हत्या के पीछे काफी लंबी कहानी
पुलिस सूत्रों की मानें तो गोगामेड़ी की हत्या के पीछे काफी लंबी कहानी है। पहले जयपुर में आनंदपाल सिंह राजपूत समाज में गहरी पैठ रखते थे। उसके काफी फॉलोअर्स थे। 2017 में राजस्थान क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया था।
इसके बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने राजपूत समाज को भड़का कर काफी समय तक आंदोलन किया था और फर्जी मुठभेड़ में आनंद पाल सिंह के मारे जाने की बात कह सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि आंदोलन के बहाने गोगामेड़ी राजपूत समाज से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के बाद मामले से पीछे हट गए थे।
इसके बाद आनंदपाल सिंह की बेटी चरणजीत सिंह ने रोहित गोदारा से मिलकर आंदोलन को जारी रखने का बीड़ा उठाया। कुछ समय बाद रोहित गोदारा ने गोगामेड़ी की हत्या करने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। पिछले साल रोहित गोदारा का राजस्थान के सीकर के रहने वाले गैंगस्टर राजू ठेहट से वर्चस्व को लेकर झगड़ा होने पर उसने अपने गिरोह के पांच छह बदमाशों के साथ मिलकर राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोलियों से भून डाला था।
खबर का सार
विदेश में छिपे कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा के शूटरों ने की थी गोगामेड़ी की हत्या। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दोनों शूटर समेत इन्हें भगाने व सुविधाएं मुहैया कराने वाले एक शख्स को चंडीगढ़ के कमल रिसार्ट से दबोचा। जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष थे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी।कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़-लॉरेंस गिरोह से जुड़ा है रोहित गोदारा।