त्री दिवसीय प्रेक्षा ध्यान शिविर संपन्न

बीकानेर, 6 जनवरी। प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के तहत त्री दिवसीय शिविर का आयोजन नैतिकता के शक्तिपीठ में आयोजित हुआ। समणी जयंत प्रज्ञा जी ने आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के तीन दिवसीय आवासीय शिविर में शिविरार्थियों को को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रेक्षा ध्यान से आवेग व आवेश पर नियंत्रण होता है और सकारात्मक भाव का विकास होता है । समणी जयंत प्रज्ञा जी ने शिविरार्थियों को प्रेक्षा ध्यान कब, कैसे और क्यों करना चाहिए …? तथा इससे क्या-क्या लाभ होता है..? इसकी विस्तृत जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि प्रेक्षाध्यान के द्वारा चैतन्य केद्रों को जागृत कर शारीरिक मानसिक भावनात्मक बीमारियों और विकारों को दूर किया जा सकता है ।समणी सन्मतिप्रज्ञा जी ने बताया कि जैन धर्म में ध्यान का बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने अनेक कहानियां ,घटनाओं के माध्यम से सभी की जिज्ञासाओं का समाधान देते हुए प्रेक्षा ध्यान को अपने नित्य प्रतिदिन के जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी ।

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आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष हंसराज डागा ने बताया कि प्रेक्षा फाउंडेशन के तत्वावधान में इस शिविर का आयोजन किया गया। वहां से समागत प्रशिक्षिका श्रीमती राज गुणेचा और श्रीमती सविता जैन ने योग, ध्यान ,कायोत्सर्ग, भेद विज्ञान, दीर्घ श्वास प्रेक्षा, समताल श्वास प्रेक्षा एवं अनेक प्रयोगो के द्वारा सभी को प्रशिक्षण दिया। मंत्री दीपक आंचलिया के अनुसार कि इस शिविर में गुवाहाटी, सूरत, कालू, लूनकरणसर , बीकानेर ,भीनासर और गंगाशहर आदि क्षेत्रों से समागत व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम संयोजक मीनाक्षी आंचलिया ने शिविरार्थियों की ओर से अनुभव बताते हुए कहा कि इस शिविर से सबने नई ऊर्जा प्राप्त की है। प्रभारी आंचलिया, अनुपम सेठिया एवं शांति प्रतिष्ठान की टीम वर्क से सफल शिविर का समापन हुआ।

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