पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब द्वारा आयोजित विशेष काव्य गोष्ठी में ‌खूब बिखेरे गणतंत्र दिवस के रंग

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  • संविधान नागरिकों को अधिकार व कर्तव्य दोनों देता है -प्रो डॉ. बिनानी

 

बीकानेर , 27 जनवरी। पर्यटन लेखक संघ- महफिले अदब द्वारा रविवार को गंगाशहर रोड़ स्थित होटल मरुधर हेरिटेज में गणतंत्र दिवस पर विशेष काव्य गोष्ठी आयोजित की गई । काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए वरिष्ठ शायर व आकाशवाणी के उद्घोषक असद अली असद ने बताया कि इस विशेष काव्य गोष्ठी के तहत देश प्रेम विषय पर हिंदी-उर्दू- राजस्थानी- त्रिभाषाओं के रचनाकारों ने उत्कृष्ट रचनाएं सुना कर संपूर्ण वातावरण राष्ट्र भक्तिमय बना दिया । इस विशेष काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष पूर्व प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी थे ।काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि पीबीएम हॉस्पिटल के पूर्व नर्सिंग अधीक्षक एवं वरिष्ठ कवि डा. जगदीश दान बारहठ थे तथा संयोजक वरिष्ठ शायर व आकाशवाणी के उद्घोषक असद अली असद थे ।

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काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा कि इसी दिन से संविधान लागू होने से हमारा देश श्रेष्ठ गणतंत्र बन गया ।प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह दिन संविधान के माध्यम से हम नागरिकों को कुछ अधिकार देता है । किंतु इसके साथ ही हमें यह दिवस नागरिकों के कर्तव्यों से भी अवगत करवाता है । इस प्रकार संविधान नागरिकों को अधिकार व कर्तव्य दोनों देता है ।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने देश प्रेम से ओतप्रोत काव्य रचना –
“देश के संविधान का, स्वाधीनता सेनानियों का,
सभी देश प्रेमियों का,‌ एक ही संदेश है
आवाज दो हम एक हैं, हम एक हैं ।”
प्रस्तुत कर राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया ।

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काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि पीबीएम हॉस्पिटल के पूर्व नर्सिंग अधीक्षक एवं वरिष्ठ कवि डा. जगदीश दान बारहठ ने मातृ भूमि को नमन करते हुए – ” वंदे मातरम , वंदे मातरम ” नामक शीर्षक से गागर में सागर भारती हुई अपनी रचना जोशीले अंदाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं में देश भक्ति का जोश भर दिया ।

काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने गणतंत्र दिवस के महत्व को विभिन्न आयामों को शायरी के रूप में शब्दों में पिरोते हुए- “मुँह बन्द कर न पाएगा कोई किसी का अब, मजलूम की जुबान है 26 जनवरी” – सुना कर खूब तालियां बटोरी । काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए वरिष्ठ शायर व आकाशवाणी के उद्घोषक असद अली असद ने देश की शान का बखान करते हुए अपना गीत इस प्रकार प्रस्तुत किया – आपको सुनाता हूं मैं गीत प्यार के, हिन्दुस्तां की शान के और वकार के।

इस अवसर पर कवि अब्दुल शकूर बीकाणवी, शायर अमर जुनूनी, हेम बांठिया आदि ने राष्ट्रीय गौरव से परिपूर्ण रचनाएं एवं देश प्रेम भाव प्रस्तुत किए । काव्य गोष्ठी का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक असद अली असद ने किया । अंत में आयोजक संस्था के वरिष्ठ शायर डॉ. जिया उल हसन कादरी ने ऑनलाइन जुड़कर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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