लक्ष्मीनाथ उपासक पुजारी समाजसेवी श्रीलाल सेवग को भावांजलि अर्पित

बीकानेर , 25 सितंबर। बीकानेर के नजर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के पुजारी श्री कृष्ण भक्त वरिष्ठ समाजसेवी श्री श्रीलाल सेवग के निधन पर आज बीकानेर शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण (पुजारी सेवक)। समाज द्वारा पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि कार्यक्रम श्यामोजी वंशज सार्वजनिक प्रन्यास भवन में रखा गया

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी बजरंगलाल सेवग ने कहा की श्री श्रीलाल जी एक ऐसे व्यक्ति थे जो की 80 वर्ष की उम्र में भी जवान से ज्यादा स्फूर्ति रखतेंथे उनका सबसे घुलने मिलने वाला व्यवहार सबके दिलो पर राज करता था उनका आकस्मिक चले जाना वास्तविकता में अपूरणीय क्षति है।

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कार्यक्रम का संचालन करते हुए कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक कामिनी विमल भोजक मैया ने श्री श्रीलाल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा बीकानेर से बाहर होने वाले हर सामाजिक आयोजनों में भी उनकी सक्रिय भूमिका कार्यक्रम की सफलता तय कर देती थी। एक मौन साधक के रूप में हमेशा सकारात्मक तरीके से साथी बनकर कदम मिलाना इनको विरला इंसान बनाती थी। कामिनी विमल भोजक मैया ने कहा की आज इनके जीवन से सीखना चाहिए की समाज के विकास में आपकी भूमिका सदैव साथ निभाने की होनी चाहिए।

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शाकद्विपीय ब्राह्मण बंधु ट्रस्ट के अध्यक्ष आर के शर्मा ने कहा की श्री श्रीलाल जी सेवग के साथ काफी वर्षो तक कार्य किया। लगभग पिछले 40 वर्षो से उनकी समाज के विकास और आयोजन के प्रति जो योगदान की सोच थी वो काबिले तारीफ थी। उनका मानना था की कोई भी आयोजन तभी सफल होता है जब आपको पता चले और आप वहा मौजूद हो। पूर्ण मनोयोग से तो आपका सहयोगी कदम संस्था और समाज किं ताकत को बढ़ा देता है और गिले शिकवे को लेकर वे कभी सामाजिक रूप से बेर भाव नही रखते थे। उनका मृद्धुभाषी व्यवहार हर समाज में चर्चित था उम्र की बात ना करे तो लगता है की श्री श्रीलाल जी युवा अवस्था में ही हमे छोड़ कर चले गए।

  समाजसेवी बाबूलाल सेवग और सूर्य प्रकाश शर्मा ने कहा की श्रीलाल जी जैसा व्यवहार अगर हर सामाजिक व्यक्ति में हो तो उस समाज की प्रगति को कोई नही रोक सकता। 

 वरिष्ठ समाजसेवी पुरषोत्तम सेवक ने श्री श्रीलाल सेवग को लक्ष्मीनाथ का परम भक्त बताते हुए कहा कि नाज के दौर में उनके जैसा समर्पण युवाओं में भी देखने को नहीं मिलता। 

मूंधाड़ा सेवग पंचायत भवन के अध्यक्ष दुर्गादात भोजक ने कहा की श्रीलाल जी समाज की धुरी थे। उनके जैसा होना ही अपने आप में एक कठिन मार्ग पर चलने जैसा है।

 युवा साथी निलेश शर्मा ने अंत में आत्मिक शांति की प्रार्थना करवाते हुए दो मिनट का मौन रखवाया।

श्रद्धांजलि सभा को रिखंबदास शर्मा, श्रीमती ज्ञानवती शर्मा, श्रीमती मंजू देवी सेवग,सत्येंद्र शर्मा मरूश्री, मनोज सेवग,जेठू भाई, राजेश शर्मा, विनोद भोजक, पूनमचंद शर्मा, जेठमल शर्मा, शिव शर्मा ने संबोधित करते हुए श्रीलाल जी को समाज का कोहिनूर बताया।
श्रद्धांजलि सभा में सुरेंद्र शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, बसंत शर्मा, शिव शर्मा, महेंद्र शर्मा, अश्वनी, खुश भोजक सहित समाज के कार्यकर्ता मौजूद थे

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