युनिसेफ द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार सम्बन्धित संगोष्ठी का हुआ आयोजन


अणुव्रत, जीवन विज्ञान द्वारा स्वास्थ्य लाभ पर दी प्रस्तुती




चेन्नई , 20 जून। युनिसेफ और अन्ना विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एएसीईजी सेमिनार हॉल, विवि परिसर में बच्चों में हो रही बीमारीयों, स्वास्थ्य सम्बन्धित सुधार के लिए राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। तमिलनाडु केरल राज्य युनिसेफ प्रबंध निदेशक के एल राॅय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। युनिसेफ संचार विशेषज्ञ सेयम सुधीर बंदी ने संयोजन करते हुए विषय वस्तु के बारे में जानकारी दी।


अन्ना विश्वविद्यालय प्रोफेसर, हेड डाॅ एस अरुलसेलवन ने पीपीटी के माध्यम से बच्चों में हो रहे मोटापा, मधुमेह, अस्थमा और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसी गैर-संचारी रोग (एन सी डी) जो वर्तमान में तमिलनाडु एवं देश में बढ़ रहे है और उसके कारण असमय मृत्यु भी हो रही है। उसके बारे में डेटाबेस के साथ जानकारी साझा की। बढ़ती स्वास्थ्य चिंता को दूर करने की अंतर्दृष्टि से विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठन से समागत लगभग 40 प्रतिनिधियों ने अपने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज से प्रतिनिधित्व करते हुए अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल कार्यसमिति सदस्या माला कातरेला ने भगवान महावीर के स्वास्थ्य शास्त्र के सिद्धांतों को बताते हुए कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक विकास के साथ मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए जीवन विज्ञान का प्रादुर्भाव किया। कक्षा केजी से लेकर प्रोफेशनल कोर्स के सभी छात्र इसका विद्यार्जन कर सकते है।
अणुव्रत समिति चेन्नई मंत्री स्वरूप चन्द दांती ने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सात बिन्दुओं का विश्लेषण करते हुए कहा कि इसके सम्यक पालन से बचपन से ही शारीरिक, मानसिक रुप से स्वस्थ रहा जा सकता है। दांती ने आगे कहा कि अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी- संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ा हुआ मान्यताप्राप्त एन जी ओ है। जो पिछले 76 वर्षों से नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल डिकोक के साथ मानव में मानवता के विकास के लिए कार्यरत है। युनिसेफ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को जीवन विज्ञान और जैन साहित्य प्रदान किये।
इस अवसर पर किलपाॅक तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा- श्रीमती अनीता सुराणा, उपाध्यक्षा प्रथम- श्रीमती मेघा मांडोत, मंत्री – श्रीमती वनिता नाहर के साथ अनेकों गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। संगोष्ठी की समायोजना में अन्ना विश्वविद्यालय के शोधार्थी वेणुगोपाल, रितेश रंजन के साथ अनेकों शोधार्थियों का योगदान रहा। सेयम सुधीर बंदी ने आभार ज्ञापन के साथ युनिसेफ की ओर से आगंतुकों का अभिनन्दन किया।