वाल्मीकि का जीवन सामाजिक समरसता से युक्त – डॉक्टर पाठक
बीकानेर ,18 अक्टूबर। श्री जैन आदर्श सेवा संस्थान में स्काउट एंड गाइड के शिविर में शिविरार्थियों को वाल्मीकि के जीवन से जुड़े प्रेरक घटनाओं से आज की युवा पीढ़ी को सामाजिक समरसता का संदेश दिया। आश्विन मास की पूर्णिमा को वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है इसी क्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ. अखिलानंद पाठक ने बताया कि रामायण हमारे जीवन का एक ऐसा आदर्श ग्रंथ है जिसके माध्यम से हम अपने जीवन में सद्व्यवहार ला सकते हैं।
भौतिकता की अंधी दौड़ में आज की युवा पीढ़ी अपने अस्तित्व के मूल स्वरूप को खोती जा रही है, ऐसे समय में वाल्मीकि का जीवन हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि हम मानवीय आचरण कैसे करें जिससे व्यक्ति में बदलाव लाया जा सके। स्काउट की छात्राओं ने अपनी जिज्ञासावश कई प्रश्न रखे जिसका समाधान डॉ. पाठक ने अपने सरल शब्दों में किया।
इस अवसर पर स्काउट के पदाधिकारी कविता जैन, परमेश्वरी वर्मा, डोली पारीक और जयकरण चारण ने भी अपने विचार साझा किए। रामचंद्र गोदारा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।