कृषि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव पेमासर में पशु चिकित्सा शिविर , फलों के मूल्य संवर्धन उत्पाद पर प्रशिक्षण का आयोजन
- प्रत्येक घर के बाहर नीम और सहजन का पौधा लगाने के लिए पौधों का किया गया वितरण
- गांव की महिलाओं को स्तनपान के महत्व पर दी गई जानकारी
बीकानेर, 08 अगस्त। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा हाल ही में गोद लिए गए गांव पेमासर में जिला प्रशासन, राजुवास व स्थानीय सरपंच के सहयोग से पशु चिकित्सा शिविर व फलों के मूल्य संवर्धन उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही गांव की महिलाओं को स्तनपान के महत्व पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। गांव के लोगों को नीम और सहजन का एक-एक पौधा भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल, विशिष्ट अतिथि जिला परिषद सीईओ सोहनलाल, सरपंच यूनियन के जिला अध्यक्ष एवं पेमासर के सरपंच तोला राम कुकणा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि पेमासर गांव को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिया गया है इससे पेमासर गांव के लोगों को बहुत फायदा होगा। गांव के किसान पहले कृषि विश्वविद्यालय जाकर खेती के बारे में जानकारी लेते थे। अब कृषि वैज्ञानिक खुद चलकर गांव आएंगे और किसानों को उन्नत कृषि और फसल उत्पादन बढ़ाने इत्यादि के बारे में जानकारी देंगे।
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय जिला प्रशासन, राजुवास और सरपंच के सहयोग से पूरी कोशिश करेगा कि गांव का सर्वांगीण विकास हो। कृषि और पशुपालन से जुड़ी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। केवल कागजी कार्यवाही ना करके हमारे कृषि वैज्ञानिक प्रत्येक 15 दिन में गांव आकर किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याएं जान कर उनका निदान करेंगे।
सरपंच तोला राम कुकणा ने पेमासर गांव को गोद लेने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे कृषि और पशुपालन के साथ साथ गांव का सर्वांगीण विकास में सहयोग मिलेगा। उन्होने गांव के विकास में पूर्ण सहयोग की बात कही। इससे पूर्व ग्राम पंचायत भवन में ही कृषि महाविद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग की ओर से फलों के मूल्य संवर्धन उत्पाद पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता एवं उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ पी के यादव ने गांव के लोगों को आम से मैंगो स्क्वैश बनाना और सेव से एप्पल जैम बनाना सिखाया गया। साथ ही गाँव में इस महीने और अगले महीने होने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
ग्राम पंचायत भवन में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमाल डुकवाल ने गांव की महिलाओं को स्तनपान के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। ग्राम पंचायत भवन परिसर में ही राजुवास और पशुपालन विभाग के सहयोग से पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन छात्र कल्याण निदेशक डॉ एन.एस.दहिया के नेतृत्व में किया गया। जिसमें पशुओं में बांझपन की समस्या निवारण, अंतः व बाह्य परजीवी निवारण हेतु दवा दी गई और पशुओं में मुंहपका खुरपका रोग निवारण व बकरियों में लम्पी रोग निवारण हेतु टीकाकरण किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों को साफा पहनाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर की गई। प्रसार निदेशक डॉ पी.एस.शेखावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ केशव मेहरा ने किया। इससे पूर्व गांव के मंदिर परिसर में अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया गया।
कार्यक्रम में भू सादृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डॉ दाताराम, पीजी अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार वर्मा, पीएमई डॉ योगेश शर्मा, पूल अधिकारी व गोद लिये गाँव के समन्वयक डॉ वाई.के.सिंह, इंजी. जे.के.गौड़, डॉ नीना सरीन, डॉ एच.एल. देशवाल, डॉ जे.के.तिवाड़ी, डॉ मनमीत कौर, डॉ अरविंद झाझड़िया समेत अन्य कृषि वैज्ञानिक, राजुवास के वेटनरी कॉलेज डीन डॉ ए पी सिंह, डॉ प्रवीण बिश्नोई व पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक व बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।