रोहित​ शर्मा की राह पर विराट कोहली, क्या भीतर ही भीतर कुछ हुआ है?

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  • विराट का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास, पिछली टेस्ट सीरीज में 25 रन से कम का औसत रहा, 123 टेस्ट में लगा चुके 30 शतक
  • रोहित शर्मा के बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया है। अब ये दोनों ही खिलाड़ी केवल वनडे क्रिकेट ही खेल पाएंगे।

बीकानेर , 12 मई। इंडियन बैटर विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी। बॉर्डर- गावस्कर सीरीज में विराट का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था। उन्होंने इस सीरीज में 23.75 की औसत से रन बनाए थे। वहीं 8 में से 7 बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर आउट हुए। BGT में कोहली ने 9 पारियों में एक नाबाद शतक सहित 190 रन बनाए।

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विराट कोहली ने भी आखिरकार टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। रोहित शर्मा के संन्यास की खबर से अभी तक लोग उबर भी नहीं पाए थे कि इस बीच विराट कोहली ने भी अचानक टेस्ट क्रिकेट छोड़कर सभी को चौंका दिया है। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए ये किसी झटके से कम नहीं है। जो खिलाड़ी पिछले कई साल से भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी रहे हों, वे एक ही सप्ताह के भीतर छोड़कर चले गए, इसके पीछे क्या कारण है। क्या टीम इंडिया या फिर बीसीसीआई में भीतर ही भीतर कुछ चल रहा है। इसे सामान्य तो नहीं माना जा सकता।

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पिछले 5 साल में उन्होंने 37 टेस्ट में सिर्फ 3 शतक लगाए और औसत 35 से भी नीचे रहा। इससे पहले कोहली ने टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन IPL 2025 में वह जबरदस्त फॉर्म में रहे। उन्होंने अब तक 11 मैच में 505 रन बनाए हैं।

इससे पहले विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को यह जानकारी पहले दी थी हालांकि, BCCI ने उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। विराट ने 2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद संन्यास लिया था।

टेस्ट में रोहित और धोनी से बेहतर कप्तान रहे कोहली

रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी भारत को ICC ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान हैं। दूसरी ओर विराट कोहली हैं। वे कभी कप्तान के तौर पर ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सके। हालांकि, जब चर्चा टेस्ट क्रिकेट की होती है तो बतौर लीडर वे धोनी और रोहित दोनों से मीलों आगे नजर आते हैं।घर में सभी 11 सीरीज जीतीं धोनी और रोहित दोनों की कप्तानी में भारत को घर में टेस्ट सीरीज में हार झेलनी पड़ी। रोहित की कप्तानी में तो टीम इंडिया को न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप भी झेलना पड़ा है। कोहली की कप्तानी में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने भारत की जमीन पर 11 टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी की। भारत ने सभी 11 सीरीज अपने नाम कीं।कोहली ने 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली बार घरेलू मैदान पर कप्तानी की थी। अश्विन और जडेजा के सपोर्ट और कोहली की अटैकिंग फील्ड स्ट्रैटजी से भारत ने 4 टेस्ट की सीरीज 3-0 से जीती। यहां से कोहली की कप्तानी में टीम ने घर सभी टेस्ट सीरीज जीतीं।

कप्तानी में कोहली ने 7 दोहरे शतक भी लगाए हैं
बैटर विराट कोहली ने वैसे तो हर कप्तान की मौजूदगी में अपना बेस्ट प्रदर्शन दिया, लेकिन जब वह खुद कप्तान बने तो टेस्ट बैटिंग की सारी कमियों को अचीवमेंट्स में बदल दिया। कोहली ने अपनी कप्तानी में रिकॉर्ड 7 दोहरे शतक लगाए।2014 में इंग्लैंड दौरे पर कोहली बैट से कुछ खास नहीं सके, लेकिन 2018 में उन्होंने इसे पलटा और सीरीज के टॉप रन स्कोरर बन गए। ऑस्ट्रेलिया में तो वह हर बार ही रन बनाते हैं, उन्होंने साउथ अफ्रीका में भी सेंचुरी लगाकर बताया कि ICC ने क्यों 2020 में उन्हें दशक का बेस्ट क्रिकेटर चुना था।

कोहली ने टेस्ट करियर में सबसे ज्यादा शतक देश में बनाए हैं
कोहली ने टेस्ट में 30 शतक बनाए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 14 शतक भारत में बनाए हैं। न्यूजीलैंड में उन्होंने केवल एक शतक जड़ा है।

इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले अचानक उठाया बड़ा कदम
भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली है। यहां पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जानी है। इसके लिए अभी तक टीम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इस बीच दो भारतीय ​दिग्गज खिलाड़ियों के रिटायरमेंट जरूर हो गए हैं। विराट कोहली का टेस्ट करियर शानदार रहा है। वे भारत के सबसे सफलतम कप्तानों और बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। लेकिन अचानक टेस्ट ​क्रिकेट छोड़ना किसी को भी समझ नहीं आ रहा है। क्या बीसीसीआई ने इन दोनों को अगली टेस्ट सीरीज में चुनने से मना कर दिया है, इसलिए ये सब हुआ, अब ये सवाल भी उठने लगा है।

फ्लॉप फार्म भी बना संन्यास की वजह
ये बात तो सही है कि चाहें रोहित शर्मा हो और चाहे विराट कोहली, दोनों का बल्ला पिछले कुछ वक्त से नहीं चला है। कम से कम टेस्ट क्रिकेट में तो ऐसा ही देखने के लिए मिला था। लेकिन क्या बीसीसीआई उन्हें एक और मौका देने के मूड में नहीं था। अगर विराट कोहली और रोहित शर्मा का रिटायरमेंट लेना ही था तो वे पहले भी ऐसा कर सकते थे, लेकिन जब एक सप्ताह के भीतर ही इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम का ऐलान होना है, उससे ऐन पहले संन्यास का ऐलान समझ से परे है।

सम्मानपूर्वक विदाई का दिया गया विकल्प
आपको याद होगा कि जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी, तब आखिरी मुकाबले में रोहित शर्मा ने खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया था, लेकिन उसी दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि वे अभी कहीं नहीं जा रहे हैं। यानी उस वक्त तक रोहित ने रिटायरमेंट का प्लान शायद नहीं बनाया था, लेकिन तब से लेकर अब तक क्या बदला ये समझ नहीं आ रहा है। माना जा रहा है कि बीसीसीआई अब रोहित और विराट से आगे निकल चुकी है और वे उनके प्लान में कहीं हैं ही नहीं। इससे पहले कि उन्हें टीम से बाहर किया जाए, उन्हें एक मौका दिया गया कि वे खुद ही अपने कदम पीछे खींच लें, ताकि उनकी सम्मानपूर्वक विदाई हो जाए। ऐसा ही कुछ विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ हुआ है।

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