ऊबाणे पगां (नंगे पैर ) राजस्थानी भाषा की मान्यता की यात्रा का आज हुवा श्रीडूंगरगढ़ में समापन
राजस्थानी मोट्यार परिषद बीकानेर की यात्रा
श्री डूंगरगढ़ , 30 जनवरी। राजस्थानी भाषा की मान्यता ओर राजभाषा के मुद्दे को लेकर राजस्थानी मोट्यार परिसद के तत्वाधान में सुदेश राजस्थानी,मदन चारण दासोड़ी,राजुनाथ के संकल्प उभाणे पगां हस्ताक्षर अभियान यात्रा 21 दिनों पूर्व बीकानेर से शुरू हुई थी।
यात्रा का विश्व प्रसिद्ध हास्य कलाकारों के मायड़ के मान मिलने तक साथ संघर्ष के वादे के साथ आज श्री डूंगरगढ़ की पावन धरा पर मान्यता की लड़ाई आगे ले जाने के संकल्प के साथ समाप्त हुई।
21 दिनों पूर्व शुरू हुई यात्रा को संबोधित करते हुए विश्व प्रसिद्ध हास्य कलाकार मुरारी लाल पारिक ने कहा कि मान्यता की इस लड़ाई में हम सब कलाकार साथ है। बन्नू पंकु नाम से हास्य कलाकारी में अपना नाम कमाने वाले बनवारीलाल ,पंकज सोनी, ने कहा कि हमारा यह कर्तव्य हैं कि हम भाषा के लिए कार्य करे।
विश्व प्रसिद्ध अलगोजा वादक मनोज जी प्रजापत, हास्य कलाकार रामकर रोवणजोगो, छतीस फिट लंबी मूंछो के स्वामी जगमाल सिंह ,इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट शीशपाल लिम्बा( पेरालोम्पिक)आदि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थानी मोट्यार परिसद के मायड़ की मान्यता के संकल्प में हम सब साथ है।
राजस्थानी भाषा साहित्य संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि, वरिष्ठ साहित्यकार चेतन स्वामी, वरिष्ठ उद्घोषक,कवि छेल चारण, मंडलीय चारण महासभा बीकानेर के छेल जी आदि साहित्यकारों ने कहा कि बड़े ही गर्व की बात है कि अब राजस्थानी भाषा साहित्यकारों से आगे नोजवानो तक बढ़ी हैं नोजवान अपने रोजगार को लेकर जाग्रत हुए है।
21 दिनों की ऊबाणे पगां यात्रा करने वाले सुदेश राजस्थानी ने कहा कि हम लोगों को इन दिनों में राजस्थानी भाषा के प्रति बहुत सहयोग मिला, लोग चाहते है कि ऐसा कोई बड़ा आंदोलन हो कि हम सब मिलकर इस मुहिम को पूर्ण करे, मदन दासोड़ी ने कहा कि इतनी सम्रद्ध भाषा राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलना समस्त राजस्थानियों का अपमान हैं।
राजुनाथ राजस्थानी ने कहा कि प्रत्येक राजस्थानी का यह दायित्व हैं कि वह मायड़ भाषा के लिए कार्य करे। यात्रा संयोजक रामावतार उपाध्याय ने यात्रा की जानकारी देते हुए आगामी रणनीति पर विस्तार से बात रखी।
मोट्यार परिसद बीकानेर के संभाग अध्यक्ष डॉ हरिराम बिश्नोई , रामचंद्र सारडीवाल, एडवोकेट हिमांशु टाक, प्रशांत जैन,राजेश चौधरी,एडवोकेट राजेश बिश्नोई, कमल किशोर मारू ने पधारे समस्त अतिथियों का अभिनंदन किया।
गणेश सिंह राजपुरोहित, भगीरथ नाथ,आसनाथ,पार्षद मनोज देपावत,बाबूलाल, हेमराज बिठू,आदि ने सभा को संबोधित किया।
राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर आसपास के गांवों से व्यवस्था संभाल रहे रामनिवास सिद्ध,अश्विनी बिटटू,रवि स्वामी,सम्पत सिंह ,गोल्डन मोटर के ओमजी- श्याम जी,बालाजी इलेक्ट्रॉनिक्स के पूनम मुंड,गणेशंम के सुलोचना आदि ने राजस्थानी भाषा के हित के लिए आमजन को जागरूक किया।