काबीना मंत्री के कहने से बीकानेर में भाजपा नेता के घर पर चला बुलडोजर ?

मंत्री सुमित गोदारा को बताया जिम्मेदार; लिखा-आज हमारा घर टूटा है, कल तेरा गुरूर टूटेगा

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बीकानेर , 26 दिसम्बर। बीकानेर में सड़क चौड़ी करने के लिए निर्माण हटाने के दौरान जिला प्रशासन ने भाजपा नेता के घर पर भी बुलडोजर चलाया। भाजपा नेता के घर की दीवार, एक कमरा और टॉयलेट को तोड़ दिया। मामला बीकानेर पंचायत समिति के गांव राजेरा का बुधवार दोपहर का है। इस कार्रवाई में राजेरा गांव के 80 घर तोड़े गए।

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बीकानेर संभाग संयोजक (सोशल मीडिया सेल, बीजेपी) कोजूराम सारस्वत ने अपने टूटे हुए घर का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा को टैग करते हुए लिखा- ‘आज हमारा घर टूटा है, कल तुम्हारा गुरूर टूटेगा।’

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उन्होंने इस पूरी कार्रवाई के पीछे कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा पर आरोप लगाए। मामले को लेकर मीडिया ने कैबिनेट मंत्री से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

गांव के बाहर से निकाला जाए हाईवे

कोजूराम ने मीडिया को बताया- बीकानेर पंचायत समिति गुंसाईसर से कतरियासर के बीच उनका गांव आता है। इस गांव में ही प्रशासन ने कब्जे तोड़े हैं। करीब 80 घरों को तोड़ दिया गया है। अभी मकान तोड़ने का सिलसिला जारी है। यहां से नेशनल हाईवे निकालने का प्रोजेक्ट है।

सारस्वत ने बताया- इस नेशनल हाईवे को राजेरा गांव के अंदर से निकालने के बजाय बाहर से निकाला जाना चाहिए था। 20 फीट की रोड को 40 फीट करने के लिए 80 घरों को तोड़ा गया है।

2 दिन बाद ही मकान तोड़ने शुरू किए

सारस्वत ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने जानबूझकर शीर्ष नेतृत्व और अधिकारियों को गुमराह करके यह सड़क गांव के अंदर से निकाली है। बाइपास नहीं बनने दिया। इससे SC-ST और गरीबों के मकान तोड़े गए हैं।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने 22 दिसंबर को पहला नोटिस दिया। 24 दिसंबर को मकान तोड़ने शुरू कर दिए। जबकि तोड़फोड़ की कार्रवाई 25 दिसंबर को होनी थी। पहले ही दिन 80 मकान तोड़ दिए गए हैं। कुछ मकान अभी और तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से भी बात की थी।

जैसे मुझे मालूम चला कि यह फीडबैक आया था कि किसी के मकान नहीं टूटेंगे। लेकिन, कार्रवाई में मकानों को तोड़ दिया गया। सारस्वत ने आरोप लगाया कि राजेरा गांव में पानी की आपूर्ति तक नहीं हो रही। इसके लिए भी सुमित गोदारा ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को मना किया हुआ है। लोगों ने 10-10 हजार रुपए लगाकर पानी खरीदा है।

सारस्वत ने बताया कि मैं विधानसभा चुनाव में ताराचंद सारस्वत के साथ था। ऐसे में सुमित गोदारा नाराज हो गए। इससे पहले के चुनाव में मैं ही सुमित गोदारा का प्रचार-प्रसार संभाल रहा था। तब गोदारा जीत गए थे और सारस्वत चुनाव हार गए थे। ऐसे में मुझे पिछले चुनाव में सारस्वत के साथ लगना पड़ा था।


 

 

 

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