कोरोना के बाद दुनिया में फैल रही एक और महामारी ! WHO ने घोषित की ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
WHO declared Monkeypox Global Public Health Emergency
कोरोना वायरस के बाद दुनिया पर एक और महामारी का खतरा मंडरा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। अमेरिका और कनाडा ने भी देश को चेतावनी दी है।
लंदन , 15 अगस्त। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कांगो और अफ्रीका के अन्य हिस्सों में मंकीपॉक्स प्रकोप को स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक आपातस्थिति घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने यह घोषणा इसलिए की है क्योंकि एक दर्जन से अधिक देशों में बच्चों और वयस्कों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है और वायरस का एक नया स्वरूप फैल रहा है तथा महाद्वीप में टीके की खुराकें बहुत कम उपलब्ध हैं।
कोरोना वायरस महामारी से लेकर लॉकडाउन की त्रासदी तक, 2019-20 का दौर तो आपको याद ही होगा। कोविड 19 ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। इसका असर आज भी मौजूद है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स आए दिन सामने आते रहते हैं। कोरोना का कहर अभी कम ही हुआ था कि दुनिया में एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
WHO ने जारी किया हाई अलर्ट
इस बीमारी का नाम मंकीपॉक्स है। दुनिया में कई लोग तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। खासकर अफ्रीकी देश कांगो और उसके आसपास के इलाकों में ये बीमारी तेजी से फैल रही है। इसे लेकर WHO ने हाई अलर्ट जारी किया है। ये बीमारी 2022 की तुलना में ज्यादा गंभीर और जानलेवा साबित हो सकती है।
अमेरिका ने दी चेतावनी
मंकीपॉक्स का पुराना वेरिएंट पहले ही दुनिया के कई देशों में मिल चुका है। मगर नया वेरिएंट कांगो के अलावा कहीं से सामने नहीं आया है। अमेरिका और ब्रिटेन में भी नए वेरिएंट के केस नहीं मिले हैं। अमेरिकन सीडीसी ने डॉक्टरों के लिए चेतावनी जारी की है कि त्वचा पर चकते और घाव जैसी बीमारियों से सतर्क रहने की जरूरत है।
कनाडा के पीएम ने देश को किया आगाह
बता दें कि मंकीपॉक्स बीमारी अक्सर यौन संबंध या समलैंगिक संबंध बनाने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होती है। ऐसे में मंकीपॉक्स की तुलना अक्सर एड्स जैसी बीमारी से की जाती है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी देशवासियों को अलर्ट किया है। उन्होंने सभी को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि एक नया वायरस आने वाला है, जो कोविड 19 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसलिए सभी को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है।
WHO ने क्या कहा?
WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडनाम के अनुसार मंकीपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में काफी बड़ी आबादी इस बीमारी से जूझ रही है। वहां के लोग अक्सर एक देश से दूसरे देश पलायन करते हैं। इससे बीमारी फैलने का खतरा है। इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए।
13 देशों में फैली बीमारी
मंकीपॉक्स बीमारी के केस 13 देशों में सामने आ चुके हैं। कांगे के पड़ोसी देश केन्या, रेवांडा, युगांडा और बुरुंडी में भी मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं। वहीं 2022 में ये बीमारी अमेरिका और यूके जैसे देशों में भी देखने को मिली थी। 58 अमेरिकी और कई हजार ब्रिटिश नागरिक मंकीपॉक्स का शिकार हो चुके हैं।
इस सप्ताह के प्रारम्भ में ‘अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ ने घोषणा की थी कि मंकीपॉक्स प्रकोप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातस्थिति है, जिसमें 500 से अधिक मौतें हुई हैं। उसने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद का आह्वान किया था। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, “यह ऐसी चीज है जिससे हम सभी को चिंतित होना चाहिए…अफ्रीका और उसके बाहर इसके फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है।”
कैसे फैलता है वायरस?
एमपॉक्स निकट संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। यह यौन संपर्क से भी फैलता है। आमतौर पर हल्का, यह दुर्लभ मामलों में घातक होता है। यह फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर मवाद से भरे घाव पैदा करता है। किसी बीमारी के प्रकोप को ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ या डब्ल्यूएचओ का उच्चतम स्तर के अलर्ट के रूप में निर्धारित करने से बीमारी को रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और सहयोग में तेजी आ सकती है।
नया वेरिएंट अधिक संक्रामक
कांगो में इसका प्रकोप एक स्थानीय स्ट्रेन के प्रसार से शुरू हुआ, जिसे क्लेड-I के रूप में जाना जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता हुआ प्रतीत होता है। इसका प्रकोप कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत पड़ोसी देशों में फैल गया है, जिसके चलते डब्ल्यूएचओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेश टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयसस ने कहा, यह स्पष्ट है कि इन प्रकोपों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है।