किसके नोटिस से राजस्थान में विधायकों में खलबली मची , जानिए क्या है पूरा मामला ?

Income Tax Department: लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच आयकर विभाग ने विधायकों और विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को समन जारी किए हैं।

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बीकानेर , 3 अप्रैल। Income Tax Department Notice Rajasthan MLA: लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच आयकर विभाग ने विधायकों और विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को समन जारी किए हैं। इनमें भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इन नेताओं की ओर से दिए गए सम्पत्ति के ब्योरे का सत्यापन करने की मंशा जताई गई है। आयकर विभाग की ओर से नेताओं से चल-अचल सम्पत्ति के दस्तावेजी साक्ष्य मांगने के यह नोटिस शनिवार देर शाम से ही मिलने शुरू हुए। बीकानेर जिले के तीन विधायकों को ऐसे नोटिस मिलने की पुष्टि हुई है।

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आयकर विभाग के इस कदम से नेताओं में खलबली मची हुई है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे समन प्रदेश के उन सभी नेताओं और विधायकों को जारी किए जा रहे हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा है। आयकर उपनिदेशक ने समन आयकर अधिनियम 1961 की धारा 131 (1ए) के तहत जारी किए गए हैं। प्रत्याशियों और उनके परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति के साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। पिछले 6 साल का आयकर विवरण मय आय स्रोत्र एवं संपत्तियों को अर्जित करने के सबूत भी देने होंगे।

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नोटिस के साथ पत्र भी भेजा
आयकर विभाग ने नोटिस के साथ नेताओं के नाम एक पत्र भी जारी किया है। इसमें चुनाव आयोग से मिले निर्देशों का उल्लेख किया है। साथ ही जांच में सौहार्दपूर्ण सहयोग की अपेक्षा भी की गई है। जांच अधिकारी के समक्ष नेता के स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करने की छूट दी गई है।

सीए का कहना है कि प्रत्याशी के शपथपत्र की बढ़ेगी विश्वसनीयता

आयकर विभाग के अन्वेषण विंग की ओर से विधानसभा चुनावों के सभी उम्मीदवारों चाहे वे किसी पार्टी के या निर्दलीय हों, उनको समन जारी किए हैं। आयकर विभाग के लिए यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि ऐसे समन कर चोरी की जानकारी या शिकायत पर जारी किए जाते हैं। परन्तु इन समन में चुनाव आयोग के निर्देशों का हवाला दिया गया है। प्रत्याशी परिवार के सदस्यों की आय एवं सम्पत्ति भी बताते हैं। ऐसे में उनकी भी जांच होगी। आम जनता की अपेक्षा के अनुरूप ये सराहनीय कदम है। एक लोकसेवक के नाते इस जांच में सहयोग करना चाहिए। इससे चुनाव के समय दिए प्रपत्रों पर आमजन का विश्वास ही बढ़ेगा।

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