योग से दिया रोग से बचने का संदेश
- अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी जयपुर (बी जी यू) में योगाभ्यास शिविर मानव चेतना जागृति प्रन्यास के अधिष्ठाता योगाचार्य आचार्य राजेंद्र जोशी बीकानेर द्वारा लिया गया।
जयपुर, 21 जून। योग के लिए कई घंटे नहीं, बस रोजाना 30 मिनिट प्रतिदीन ही प्रर्याप्त है। अगर आपने जीवन में इसे रोजाना अपना लिया तो तन और मन दोनों स्वस्थ रहेगा। योग व्यक्ति का सर्वांगिक विकास करता हैं। चिंता का भाव कम होता हैं। इसी भावना और प्रेरणा के साथ विवेकानंद ग्लोबल युनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बडे. उत्साह और जज्बे के साथ मनाया गया।
आचार्य राजेंद्र जोशी बताया प्रकृति के साथ समत्व संतुलन बनाना ही योग है। योग के सभी आसान हमें प्रकृति की याद दिलाते हैं और अपने कर्तव्य को याद दिलाता है, गोमुखासन गोवंश की याद दिलाता है।
युनिवर्सिटी के मुख्य परिसर में सुबह छह बजे शुरू हुए योगाभ्यास कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डाॅ प्रवीण चैाधरी, डीन स्टॅडेंटस वालॅफेयर योगा क्लब श्री सतीश कुमार सहित बडी संख्या में विद्यार्थियों व शिक्षकों और स्टाफ ने योग प्रशिक्षक आचार्य राजेंद्र जोशी के निर्देशन में योगासन और प्रणायाम किया और नियमित योग करने के फायदे सीखे। वहीं स्वस्थ जीवन जीने का संदेश दिया।
‘स्वयं और समाज के लिए योग’ 2024 थीम पर 10वें आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपने संदेश में सीईओ इंजीं ओंकार बगरिया ने कहा कि योग से मन एकाग्रचित्त रहता है, शीतलता का भाव आता है। जिससे सकारात्मक विचार का प्रवाह होता हैं। उन्होने युवाओं को आहवान किया कि वे एक स्वस्थ और खुशहाल समाज के निर्माण के लिए आम जन तक योग को प्रसारित करने अपनी भागीदारी सुनिश्चत करें।
रजिस्ट्रार डाॅ प्रवीण चैाधरी ने कहा कि योग महज शारीरिक आसन ही नहीं है, यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है। योग का अभ्यास मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है।