टंकी पर चढ़ा युवक, पुलिस ने 11 लाख का बिल थमाया

  • आईपीएस और आरपीएस अधिकारी समझाइश करने गए थे, अब खर्च किया टोटल

 

श्रीडूंगरगढ़ , 6 जुलाई। भाजपा सरकार में अब विरोध करना व अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन के अलग अलग तरीके अख्तियार करना महंगा पड़ेगा। सरकार की मंशा लोकतंत्र का गला घोंटने जैसी है। क्या अब सरकार को अपनी मांगों के लिए आकर्षित करना मूलाधिकार नहीं है ? यह प्रश्न आज एक प्रदर्शनकारी को भेजे गए वसूली नोटिस से चर्चा में आया है।

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बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में एक युवक अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गया था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे टंकी से नीचे उतारा। मामले के 10 दिन बाद पुलिस ने युवक को 11 लाख 32 हजार रुपए का एक बिल थमा दिया है। पुलिस का तर्क है कि उसकी सुरक्षा पर इतना खर्च लगा है।

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श्रीडूंगरगढ़ के कालू बास में 23 जून को एक युवक टंकी पर चढ़ गया था। राजेंद्र नौसरिया नामक युवक का आरोप था कि पुलिस उसका मामला दर्ज नहीं कर रही है, जबकि दूसरे पक्ष का मामला दर्ज कर लिया। राजेंद्र की जिद्द थी कि वह नीचे तभी उतरेगा, जब उसकी ओर से एफआईआर दर्ज होगी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर समझाइश की।

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पुलिस ने रिपोर्ट तैयार कर बनाया खर्चा

पुलिस ने पूरे घटनाक्रम के बाद 10 दिन में एक रिपोर्ट तैयार की है कि उसे टंकी से नीचे उतारने में कितने पुलिसकर्मियों को लगाया गया। इन पुलिसकर्मियों पर कितना खर्च हुआ। आईपीएस और आरपीएस अधिकारी भी उसे टंकी से नीचे उतारने के लिए मौके पर गए थे। इन सभी अधिकारियों के खर्च पर 11 लाख 32 हजार 119 रुपए का बिल बनाया है।

दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले दिनों एक आदेश जारी करके पुलिस को ऐसे प्रदर्शनकारियों को बिल देने के निर्देश दिए थे। एसपी तेजस्वनी गौतम ने इस आदेश के तहत ही वसूली के निर्देश दिए थे। थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को इस तरह के बिल आगे भी मिलते रहेंगे।

 

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