नये पटो से धनीनाथ गिरी मठ पंच मंदिर नगर सेठ लक्ष्मीनाथ जी सहित 108 मंदिर सजे
बीकानेर , 14 जनवरी। सनातन जाग्रति व सनातन पर्वों को परंपरागत तरीको से मनाये जाने के वर्ष पर्यंत महा अभियान का अनुष्ठान जारी है। भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभोम महासभा , श्री दिव्य शिव शक्ति पीठ ,श्री विप्र महासभा , ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन की ओर से मकर संक्रांति महोत्सव के अन्तर्गत आहूत पाटोत्सव व भोग के दिव्य व विशेष अनुष्ठान के अन्तर्गत 14 जनवरी को मंगला आरती के समय मंदिरों के पट बदले जा कर नगर सेठ लक्ष्मीनाथ जी मंदिर बीकानेर सहित सभी मंदिरों के नये पट लगाये गये, तिल की मिठाई व दक्षिणा सहित पट अर्पित किए गए।
संवत् 2024 के सनातन पर्वों कों दिव्य व विशेष रूप से मनाये जाने की शृंखला के अन्तर्गत मकर संक्रांति महोत्सव के अन्तर्गत 15 जनवरी 2024 को विशेष भोग अर्पित कर सभी सनातन भक्तों को सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित तस्वीरो के साथ भोग का प्रसाद भी वितरित किया जायेगा।
मकर संक्रांति अनुष्ठान पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगुवाई में शुरू हुवा। जिसमें लीलाधर आसोपा, मंजुलता आसोपा, शंकर लाल जोशी, कैलाश ओझा, गिरिराज रतन तिवाड़ी ,राकेश आसोपा ,रजत दाधीच, प्रवीण दाधीच, ममता दाधीच, मंगलचंद आचार्य , योगेश बिस्सा ,ओमप्रकाश तिवाड़ी, गोपीकिशन स्वामी, प्रेमनारायण व्यास, केदार लाल सोनी, एडवोकेट राजेश दाधीच व ओमप्रकाश भादानी आदि ने भाग लिया।
लक्ष्मीनाथ जी मंदिर के मुख्य पुजारी गौरीशंकर सेवग, बुलाकी सेवग, नवरतन सेवग ,महेश कुमार सेवग ,ललित सेवग, श्याम देराश्री ,रामजी सेवग ,शंकर सेवग, शुभम् सेवग आदि ने लक्ष्मीनाथजी मंदिर के सभी मंदिरों के पट बदले।
धनीनाथ गिरीमठ पंच मंदिर के पट निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज के सानिध्य में पुजारी शिवशंकर सेवग व भवानी पुजारी ने पंच मन्दिर के पट बदले। हनुमान मंदिर बागड़ी मोहल्ला के पट शंभुलाल तिवाड़ी ,गोपाल ओझा ने पैट बदले। रघुनाथ मंदिर के पट ब्रजरतन स्वामी, शिव मंदिर व्यास कॉलोनी के पट नलिन कुमार सारवल की उपस्थिति में बदले गए।
टुंडला हनुमान मंदिर के पट दिलीप दुबे, सत्यनारायण तिवाड़ी, शिव मंदिर गोकुल सर्किल के पट शंकर पुरोहित , दिलीप जोशी की उपस्थिति में तथा राम मंदिर एम एम ग्राउंड के पट साँवरमल ओझा ने पैट बदले। शिव मंदिर बारह गवाड़ के पट अशोक छँगानी आदि के साथ नागानेचीजी मंदिर ग्रेजुएट हनुमान मंदिर सहित सभी 108 मंदिरों के पट प्रभारियों की उपस्थिति सहित मंदिर पुजारियों द्वारा बदले गए।
पाटोत्सव के दिव्य व विशेष अनुष्ठान में निर्वाण पीठाधीश्वर महा मंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानंद भारती ने प्रवचन देते हुए कहा कि मकर संक्रांति पर मंदिरों के पट बदले जाने से भगवान को नया वस्त्र अर्पित होता है। जो वर्ष पर्यंत भगवान के वस्त्र के रूप में निज मंदिर में रहता है। मकर संक्रांति को किया गया दान पुण्य अभीष्ट फलदायी है। मनुष्य को अपनी सामर्थ्य अनुसार पीड़ित जन , गो , ब्राह्मण , संत , बहन बेटी को दान पुण्य करते रहना चाहिए। इससे यश कीर्ति समृद्धि में बढ़ोतरी होती है नर सेवा नारायण सेवा है। जीवन का सार नर,ब्राह्मण , संत, गौ ,माता पिता की सेवा व ईश्वर भक्ति है।
यह अनुष्ठान सनातन जागृति एवम् सनातन पर्वों को पारंपरिक रूप से सभी सनातन धर्मावलम्बियों की सामूहिक उपस्थिति व सहभागिता के पावन से उद्देश्य से पूजन अनुष्ठान में समर्पित पं.श्री योगेन्द्र कुमार दाधीच द्वारा पिछले 41 वर्षों से लगातार किया जा रहा है।