दो दिवसीय आगम पूजा अनुष्ठान शुरू, तपस्वियों का शोभायात्रा निकली, अभिनंदन हुआ
- तपस्याओं की अनुमोदना करें-आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी
बीकानेर, 9 सितम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी, मुनि व साध्वीवृंद के नेतृत्व में सोमवार को गाजे-बाजे के साथ आसानियों के चौक मासखमण तपस्वी रौनक बरड़िया, 13 दिन तपस्वी सुनील लोढा तथा 8 दिन पौषध तपस्वी नमन बरड़िया की शोभायात्रा निकली। तपस्वियों का सुगनजी महाराज के उपासरे में अभिनंदन किया गया। ढढ्ढा कोटड़ी मेंं आगम तप की पूजा का दो दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ। मंगलवार को सुबह तपस्वी की शोभायात्रा व शाम तप वंदनावली कार्यक्रम शाम को होगा।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के, अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि शोभायात्रा में भगवान की पालकी ’’खासोजी’’ आचार्यश्री, मुनि व साध्वीवृंद के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं, दो बैंड पार्टी व एक शहनाई पार्टी ’’नवकार महामंत्र’’ की धुन बजाते हुए शामिल हुई। तपस्वियों के निवास स्थल व शोभायात्रा के मार्ग पर जगह-जगह आचार्यश्री का वंदन अभिनंदन गंवली सजाकर किया गया। शोभायात्रा नाहटा चौक के भगवान आदिश्वर, भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर होते हुए ढढ्ढा चौक होते हुए रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे पहुंची।
51 दिन की तपस्या करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक पवन पारख, अध्यक्ष संदीप मुसरफ, मंत्री मनीष नाहटा, महावीर नाहटा, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के सदस्य सुरेन्द्र खजांची ने तपस्वियों का बहूमान किया। कार्यक्रम में लोहावट के मोहन लाल भंसाली, छोटमल भंसाली, जगदलपुर के निहाल चंद बरड़िया, छतीसगढ़ के राहुल बोहरा का अभिनंदन किया गया तथा श्री जिनेश्वर युवक परिषद के सदस्य गौरव सुराणा के 10 दिन की तपस्या की अनुमोदना की गई।
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने कहा कि बिना अन्न जल के 51 दिन की तपस्या करते हुए दैनिक दिनचर्या स्वयं पूरी करने वाले, नियमित जिनालयों में दर्शन करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी विज्ञान के लिए चुनौती तथा जिन शासन की शोभा है। कठिन आत्मबल,संकल्पबल व देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण से भुगड़ी सहित रौनक बरड़िया, नमन बरड़िया व सुनील लोढ़ा सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने तपस्याएं की । तपस्या की अनुमोदना जितनी की जाए उतनी कम है। बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर ने तप के महत्व को उजागर किया।
श्री 45 आगम तप की पूजा
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में 28 जुलाई से 11 सितम्बर 24 तक चले रहे भवोदधितारक शिव सुखकारक श्री 45 आगम तप के समापन पर दो दिवसीय पूजा का अनुष्ठान सोमवार को ढढ्ढा कोटड़ी में शुरू हुआ। मुनि-साध्वीवृंद व इंदौर के विधिकारक अरविंद चोरड़िया ने आगमों का पूजन करवाया। पूजन स्थल पर विभिन्न तरह के अन्न से मंडप स्थापित किया गया।