भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 1500KM लंबी सड़क बनेगी
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- राजस्थान-पंजाब में सेना को गाड़ी से गश्त करना आसान होगा, सुरंग से तस्करी पर भी रोक लगेगी
बीकानेर , 9 फ़रवरी। राजस्थान-पंजाब से लगते भारत-पाक बॉर्डर से अब पड़ोसी देश पाकिस्तान पर नजर रखना आसान होगा। गश्त करते जवानों के पैर अब रेत-मिट्टी में नहीं धंसेंगे। बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर सहित पंजाब के क्षेत्र में भी बॉर्डर पर जीरो फेंसिंग के पास डामर सड़क बनाने की तैयारी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए का बजट जारी किया है।
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बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के IG एमएल गर्ग ने बताया- अकेले राजस्थान में एक हजार से ज्यादा किमी लंबी सड़क का निर्माण होगा। सड़क बनने से जवान बॉर्डर पर पैदल सहित वाहनों पर भी गश्त कर सकेंगे। भारी वाहनों के मूवमेंट करने के साथ-साथ बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करने में भी आसानी होगी। सुरंग या अन्य तरीके से नशीली पदार्थों की तस्करी पर भी लगाम लगेगा।
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जीरो लाइन से सटकर होगा सड़क का निर्माण
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के आईजी एम.एल. गर्ग ने बताया- भारत सरकार ने देश की सुरक्षा के लिए मजबूत कदम उठाया है। राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर से 1096 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। शेष करीब साढ़े तीन सौ किलोमीटर सड़क का निर्माण पंजाब में होगा। कुल 1450 किलोमीटर की सड़क बन रही है। जीरो लाइन पर स्थित फेंसिंग से सटकर सड़क बनाई जाएगी। इसका काम करीब एक महीने में शुरू होने की संभावना है।
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तीन साल पहले बनाया गया था प्रोजेक्ट
सड़कों का जाल बिछाने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने 2021 में ये प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे मंजूर किया था। सड़क का काम बाड़मेर से शुरू होता हुआ जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर तक जाएगा। पंजाब में सड़क बनाने का काम शुरू हो चुका है।
बॉर्डर पर सड़क बनने से ये फायदे होंगे…
वर्तमान में बीएसएफ के जवानों को गश्ती में रेतीले धोरों के कारण परेशानी आती है। अब ये गश्त पैदल के साथ ही जीप-जिप्सी के माध्यम से भी हो सकेगी।
गाड़ी से गश्ती के दौरान जीरो लाइन पर स्थित एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट तक पहुंचने में कम समय लगेगा।
बॉर्डर पार से फेंके जा रहे हेरोइन सहित अन्य नशीली पदार्थों पर नजर रखना भी आसान होगा।
जमीन के अंदर ही अंदर सुरंग बनाकर नशे की तस्करी करना पड़ोसी देश के लिए मुश्किल होगा।
बॉर्डर पर जमीन-आसमान का अंतर
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सुविधाओं की दृष्टि से बड़ा अंतर है। पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी भारतीय सीमाओं के ठीक सामने अपनी चौकियां स्थापित की हैं। भारतीय चौकियों पर लाइट्स है। फेंसिंग है। इन फेंसिंग पर भी रातभर लाइट्स जलती है। हर 50 मीटर की दूरी पर लाइट्स इतनी तेज है कि दुश्मन देश से कोई हरकत जीरो लाइन पर हो तो साफ नजर आती है।
इसके अलावा भारतीय सीमा में तारबंदी है, जिसमें करंट दौड़ता है। तारों पर जगह-जगह जिंगल बेल लगी है, जो काफी दूरी पर टच होने पर घनघना उठती है। ऐसे में पास की चौकी पर घुसपैठ का संकेत मिल जाता है। इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था पाकिस्तानियों के पास नहीं है।