मांड कोकिला पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई की स्मृति में गूंजे मांड के गीत
बीकानेर 3 नवम्बर । मांड कोकिला पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई की 31 वी पुण्यतिथि पर शुक्रवार को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के मांड गीत ऑनलाईन गूंज उठे । अल्लाह जिलाई बाई मांड समारोह का आगाज जय नारायण व्यास काॅलोनी में किया गया। स्व. जिलाई बाई की पुत्रवधु श्रीमती रजिया बेगम, डॉ अजीज अहमद सुलेमानी तथा जाईमां परिवार ने स्व जिलाई बाई के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर भावभीना स्मरण किया। समारोह सोशल मीडीया के विभिन्न माध्यमों से देश विदेश में साझा किया गया ।
अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के प्रबंधक निदेशक डॉ अजीज अहमद सुलेमानी ने कहा कि स्व. जिलाई बाई ने अपना सम्पूर्ण जीवन राजस्थानी मांड गायन को अर्पित किया । उनकी स्मृति में प्रति वर्ष समारोह के माध्यम से राजस्थान के लोकगायन और कलाओं की परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने का सतत प्रयास किया जा रहा है ।
डा. सुलेमानी ने कहा कि खेद का विषय है कि इस वर्ष किसी भी सरकारी संस्थान, अकादमी का सहयोग नहीं मिला है । इस बार 31 वां समारोह ऑनलाईन किया जा रहा है । डॉ सुलेमानी ने बताया कि कार्यक्रम में अजमेर के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पं0 चन्द्रप्रकाश तंवर ने ” सेजा कैसे आउ चांदनी रात” को अपनी सुमधुर आवाज में साझा किया है । श्री डूंगरगढ के युवा गायक सांवरमल कत्थक ने अपनी विशेष प्रस्तुति ”हंजला मारू” प्रस्तुत किया । कार्यक्रम मं डॉ नीलकण्ठ गोस्वामी ने बांसुरी पर केसरिया बालम गीत साझा किया है । उन्होने कहा कि स्व. जिलाई बाई के सपनों को पूरा करने के लिये मांड समारोह में प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ नये कलाकारों को मान सम्मान प्रदान किया जाता है।
डॉ अजीज अहमद सुलेमानी ने बताया कि देश विदेश में डॉ ब्रिजेन्द्र सिंह शेखावत (इंग्लेन्ड) डॉ सैयद अजमल हुसैन (न्यूयार्क) प्रो(डॉ ) बनवारीलाल मील (दक्षिण अफ्रीका) डॉ बालकृष्ण अग्रवाल (अमरीका) डॉ आर. के. सिंह (केलीफोर्निया) डॉ मनजीत सिंह ढिल्लो (ऑस्ट्रेलिया ) सहित सेकडों संगीत प्रेमी समारोह में ऑनलाईन शिरकत की । उन्होने बताया कि फेसबुक परhttps://www.facebook.com/profile.php?id=61552694154856ls से जुड कर कार्यक्रम शिरकत की ।
इससे पूर्व सुबह बडे कब्रिस्तान में माड कोकिला पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई की मजार पर कुरानखानी और पुष्पांजलि अर्पित की गयी । कार्यक्रम में विश्व शांति और कल्याण की दुआ की गयी ।