एनआरसीसी एवं सीसीएमबी हैदराबाद के बीच हुआ एमओयू

बीकानेर,3 नवम्बर। भाकृअनुप- राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) एवं कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) हैदराबाद के बीच ऊँटों के नैनोएंटीबॉडीज् के द्वारा कोशिकीय रिसेप्‍टरों के अध्ययन हेतु एक एमओयू पर आज दिनांक 3 नवम्बर को हैदराबाद में एक एमओयू किया गया ।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

एनआरसीसी निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू एवं सीसीएमबी के निदेशक डॉ. विनय के. नंदीकूरी ने इस महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सीसीएमबी के वैज्ञानिक डॉ.जनेश कुमार और बिजनेस डवलप्मेंट ग्रुप की डॉ.दिव्या भी मौजूद थीं ।

mmtc
pop ronak

केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने इस एमओयू को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि दोनों संस्थानों के विषय-विशेषज्ञों द्वारा इस समन्वित अनुसंधान कार्य के तहत ऊँट के रक्त में पाए जाने वाले अनूठे नैनो-एंटीबॉडीज की सहायता से शरीर की कोशिकाओं में पाए जाने वाले आइनोट्रॉपिक ग्‍लोटामेट रिसेप्टर की संरचना का सूक्ष्म अध्ययन किया जाएगा।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

डॉ.साहू ने कहा कि ऊँटों के रक्त में पाए जाने वाले एंटीबॉडीज विलक्षणताओं युक्त होते हैं जिनकी उपयोगिता बायोमेडिकल अनुसंधान कार्यों में प्रबल संभावनाएं हैं।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ. विनय के. नंदीकूरी ने इस एमओयू को लेकर आशा जताई कि भविष्य में दोनों संस्थान के लिए कई अन्य क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान की संभावनाएं के द्वार खुलेंगे ।
केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं पीएमई के प्रभारी डॉ.राकेश रंजन ने बताया कि सीसीएमबी एवं एनआरसीसी के विषय-विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के मध्य जल्दी ही एक परिचर्चा का आयोजन प्रस्‍तावित है ताकि उष्ट्र प्रजाति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यों के अन्य आयामों को तलाशा जा सके ।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *