एनआरसीसी द्वारा जीनोमिक्स युग में पशुधन फिनोम विश्लेषण संबंधी 10 दिवसीय पाठ्यक्रम शुरू

बीकानेर, 03 जनवरी । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्‍द्र (एनआरसीसी) में ‘जीनोमिक्स के युग में पशुधन फिनोम डेटा रिकॉर्डिंग विश्लेषण एवं व्याख्या में नूतन विकास’ विषयक 10 दिवसीय लघु पाठ्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस लघु पाठ्यक्रम में देश के 8 राज्यों यथा- असम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तरप्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएमआर, एनडीडीबी, बीएचयू के सह एवं सहायक आचार्य, अनुसंधानकर्त्ता तथा विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.टी.के.भट्टाचार्य, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार ने कहा कि किसी भी परियोजना कार्य में वैज्ञानिक की सृजनात्मकता पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है तदुपरांत वैज्ञानिकता के आधार पर संबद्ध प्रकाशन आदि महत्व महत्वपूर्ण है। पाठ्यक्रम विषयगत बात रखते हुए उन्होंने पशु संवर्धन हेतु प्रजनन और जेनेटिक्स के बेहतर ज्ञान तथा पशुधन हितार्थ इसे प्रयोग में लिए जाने की आवश्यकता बताई। डॉ.भट्टाचार्य ने माइक्रोबायोलॉजी, व्यापक डेटा संग्रहण तथा जीनोमिक्स चयन,पशुओं के फिनोटाइप संग्रहण आदि पहलुओं पर अपनी बात रखीं।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

इस दौरान केन्द्र के निदेशक एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.आर्तबन्धु साहू ने इस 10 दिवसीय पाठ्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रशिक्षणार्थी, विषयगत व्याख्यानों के माध्यम से प्राप्त ज्ञान द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक बेहतर कर सकेंगे। डॉ.साहू ने डाटा विश्लेषण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कैसे, पशु का जन्म भार और उसकी दूध छुड़वाने की आयु भार ( वीनिंग वेट) के आधार पर पशु की उत्पादकता का पता लगाया जा सकता है।

mmtc
pop ronak

पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ.वेद प्रकाश, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद वर्ष 1967 से ऐसे लघु पाठ्यक्रम का आयोजन, प्रायोजित कर रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएआर संस्थान में कार्यरत शिक्षिकों, शोध कर्त्ताओं को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में नवीनतम ज्ञान और तकनीकों से अध्यतित (अपडेट) करना है । कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम सह-समन्वयक डॉ. बसंती ज्योत्सना, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव डॉ.सागर अशोक खुलापे, वैज्ञानिक द्वारा दिया गया।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS
bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *