पाला पड़ने की संभावना के मद्देनजर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

बीकानेर, 6 जनवरी। सरकारी एडवाइजरी के मुताबिक, जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आसपास खेत के उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेतों के किनारे पर बोई हुई फसल के आसपास मेड़ों पर रात्रि में कूड़ा कचरा या अन्य घास फूल जला कर धुआं करना चाहिए ताकि खेत में धुआं आ जाये और वातावरण में गर्मी आ जाए.

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

मौसम विभाग द्वारा आगामी तीन चार दिवस में तापमान में गिरावट होने की भविष्यवाणी के मद्देनजर शुक्रवार को सब्जियों व बगीचों में पाले से नुकसान की आशंका के चलते उद्यानिकी विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।
संयुक्त निदेशक उद्यान हरलाल सिंह बिजारणियां ने बताया कि आगामी तीन-चार दिनों में तापमान में गिरावट की आशंका जताई गई है जिसके चलते पाले से उद्यानिकी सब्जियों व बगीचों को नुकसान होने की आशंका है ।

mmtc
pop ronak

बिजारणिया ने बताया कि सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यंत कम होने लग जाए तथा दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां, कोंपले, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

कृषि अधिकारी उद्यान मुकेश गहलोत ने बताया कि सब्जियों व बगीचों को पाले से बचाने हेतु फसल पर पाला पड़ने की संभावना दिखाई देते ही किसान फसलों को पाले से बचने के लिए 0.1 प्रतिशत व्यापरिक गंधक के तेजाब का छिड़काव कर सकते हैं।

रबी फसलों को पाले से बचाव हेतु थायोसेलिसिलिक अम्ल 100 पीपीएम (0.1एमएल/ली.) अथवा थायोयूरिया 500 पीपीएम (0.5 ग्राम/ली.) अथवा घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत (2ग्राम/ली.) पानी के घोल का छिड़काव करें। यदि पाला लगातार पड़ रहा हो तो 15 दिन में पुनः छिड़काव करें।

उन्होंने बताया कि पाला पड़ने की संभावना हो तो फसलों में हल्की सिंचाई की सलाह दी गई है ताकि जमीन का तापमान एकदम से कम न हो।नवस्थापित फलदार बगीचों में पौधों को पाले से बचाने हेतु टाट, बोरी या घासफूस आदि से ढ़ककर या टाटी बनाकर सुरक्षा करें।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यंत कम होने लग जाए तथा दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां, कोंपले, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

संयुक्त निदेशक ने बताया कि किसान फसलों को पाले से बचने के लिए गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत अर्थात 1000 लीटर पानी में 1 लीटर सांद्र गंधक का तेजाब मिलाकर घोल तैयार करके एवं फसलों पर छिड़काव करें अथवा घुलनशील गंधक के 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव भी कर सकते हैं। खेत की उत्तर पश्चिम दिशा में जिधर से शीत लहर आती है फसलों के अवशेष, कूड़ा करकट, घास फूस जला कर धुँआ करें। पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है। यह उपाय अपनाकर किसान अपनी फसलों को पाले के नुकसान से बचा सकते हैं।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *