सूरत में प्रेक्षा ध्यान केन्द्र प्रारम्भ
‘जीओ बाहर, रहो भीतर’ संदेश का महत्वपूर्ण – गौतम गाड़िया
सूरत, 12 जनवरी। प्रेक्षा फ़ाउंडेशन, सूरत के अंर्तगत नये प्रेक्षाध्यान केन्द्र का 7 जनवरी को सूरत मे शुभारंभ हुआ. सूरत में बोल्या के यहां प्रेक्षाध्यान केन्द्र के बैनर का आवरण हरीश कावडिया एवं बोल्या परिवार के सदस्यों ने मिलकर किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संध्या रायसोनी ने त्रिपदी वंदना से किया। सामूहिक सामायिक दिवस था इसलिए कई लोगों ने सामायिक ली। इस अवसर पर
सामूहिक प्रेक्षागीत संगान से सुंदर माहौल बना। गौतम गादिया ने प्रेक्षा फ़ाउंडेशन की तरफ़ से सब का स्वागत करते हुए प्रेक्षाध्यान की जानकारी देते कहा कि ‘जीओ बाहर, रहो भीतर’ संदेश का महत्व बताया।
संध्या ने ॐ ध्वनि की जानकारी देते हुए ॐका उच्चारण करवाया।आसन,सामायिक और ध्यान के संबंधों के बारमें गुरुदेव श्री तुलसी और आचार्य श्री महाप्रज्ञ के विचार बताकर अलका सांखला ने आसनों का जीवन में महत्व बताया।आसन भी करवायें।
संध्या ने बहुत ही सुंदर श्वास प्रेक्षा ध्यान करवाया। इस के साथ प्रश्नोत्तरी में शंकर बोल्या ने श्वास रोकने की बात पुछी थी। उसका जवाब देते हुए अलका ने समताल श्वास प्रेक्षा की पूरी जानकारी देते हुए सब को App download करने को कहा।
गौतम ने मंगल भावना का संगान किया, संध्याने संकल्प करवाया।
शंकर बोल्या ने आभार व्यक्त किये। सबको कार्यक्रम अच्छा लगा। प्रत्येक रविवार प्रेक्षाध्यान करने का सबने भाव व्यक्त करके क्लास में उपस्थिति बढ़ाने का सभी प्रयत्न करेंगे। इस सकारात्मक भाव से कार्यक्रम संपन्न हुआ । गुरुदेव देव के प्रति कृतज्ञोस्मि भाव से प्रसन्नता से कार्यक्रम परिपूर्ण हुआ।
इस अवसर पर बताया गया कि प्रेक्षाध्यान घर-घर पंहुचाने हेतु प्रेक्षाध्यान केन्द्र जगह-जगह शुरु करने का उपक्रम चल रहा हैं। यह बहुत सुंदर , सरल और उपयुक्त प्रकल्प, जिससे आचार्य श्री महाश्रमण जी का संदेश घर-घर पंहचाने में हर कोई व्यक्ति योगदान दे सकता है और संघ सेवा में भी जुड़ सकता है ।
किसीको भी इसकी जानकारी चाहिए हो,अपने यहां प्रेक्षा ध्यान केन्द्र शुरु करना हो तो संपर्क करें – 9427491613